बिजनेस
स्मार्टफोन कंपनियों के महत्वाकांक्षी उत्पादों का साल
नई दिल्ली | साल 2016 देश के स्मार्टफोन बाजार के लिए बेहद प्रतिस्पर्धात्मक रहा। देश में करीब 25 करोड़ स्मार्टफोन उपयोगकर्ता हैं, जिसके इस साल के अंत तक 28 करोड़ तक पहुंच जाने की उम्मीद है। उपयोगकर्ताओं के हिसाब से भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार बन गया है और आगे कई और रिकॉर्ड तोड़ने के करीब है।
इस साल की शुरुआत में कई नए स्मार्टफोन लॉन्च हुए, जिनमें दक्षिण कोरियाई कंपनी एलजी ने जी5 तथा टीसीएल ने टीसीएल 560 मॉडल लॉन्च किया, जो अनोखे यूनिक-आई-वेरिफिकेशन फीचर से लैस थे, लेकिन बाजार में फिर इनका नाम सुनने को भी नहीं मिला।
इसके बाद दक्षिण कोरिया की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी सैमसंग ने मार्च में अपना महत्वाकांक्षी स्मार्टफोन गैलेक्सी एस7 तथा कव्र्ड स्क्रीन वाला गैलेक्सी एस7 एज लॉन्च किया, जिसकी कीमत क्रमश: 48,900 रुपये तथा 56,900 रुपये रखी गई।
ये दोनों स्मार्टफोन डिजाइन, इमेजिंग, सॉफ्टवेयर तथा कनेक्टिविटी के मामले में पूरी तरह अनोखे थे। कंपनी ने अपना पहला ड्यूअल पिक्सल कैमरा युक्त गैलेक्सी एस7 तथा गैलेक्सी एस7 एज लॉन्च किया।
मार्च महीने में एप्पल ने एक सस्ता तथा साइज में अपेक्षाकृत छोटा स्मार्टफोन आईफोन एसई लॉन्च किया। अब तक का सबसे सस्ता यह स्मार्टफोन 16 जीबी तथा 64 जीबी इंटरनल मेमरी के साथ पेश किया गया।
वहीं ताइवान की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी एचटीसी ने मई महीने में अपना महत्वाकांक्षी स्मार्टफोन एचटीसी 10 लॉन्च किया, जिसे सैमसंग गैलेक्सी एस7/एस7 एज तथा आईफोन6एस/6एस प्लस के मुकाबले बाजार में उतारा गया, जो मल्टिटास्किंग की कई विशेषताओं से युक्त था।
इस दौरान एलजी ने अवधारणा को वास्तविक बनाते हुए जी5 स्मार्टफोन लॉन्च किया, जिसमें दो प्राइमरी कैमरा लगे थे और दोनों ही एक दूसरे से स्वतंत्र रूप से काम करने वाले थे।
इस बीच, चीन की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी वन प्लस ने अपना महत्वाकांक्षी वन प्लस3 स्मार्टफोन लॉन्च किया, जिसमें 6 जीबी रैम था और इसकी बैट्री मात्र 30 मिनट में 60 फीसदी तक चार्ज हो सकने की क्षमता से युक्त थी।
जून में टीसीएल ने बाजी पलटने वाला स्मार्टफोन टीसीएल 60 लॉन्च किया, जो आयरिश आधारित ‘आई वेरिफाई’ अनलॉक विशेषता के साथ लॉन्च हुआ।
इसके बाद एप्पल ने सितंबर महीने में ‘एप्पल वाच सीरीज 2’ के साथ अपने आईफोन 7 तथा आईफोन 7 प्लस पर से पर्दा हटाया।
एप्पल के नवीनतम ऑपरेटिंग सिस्टम आईओएस10 तथा असिस्टैंट सिरी से मुकाबले के लिए गूगल ने अक्टूबर में गूगल पिक्सल स्मार्टफोन पेश किया, जो पहला फोन था, जिसे गूगल ने गूगल असिस्टैंट के साथ बनाया।
चीन की अन्य कंपनियों श्याओमी, वीवो, ओप्पो ने भी बाजार में लगातार अपने महत्वाकांक्षी उत्पादों को उतारा। वहीं घरेलू खिलाड़ी माइक्रोमैक्स, कार्बन ने भी 10 हजार रुपये की रेंज में कई स्मार्टफोन लॉन्च किए।
साल 2016 वर्चुअल रियलिटी, इंप्रूव्ड ऑप्टिक्स, पावरफुल प्रॉसेसर तथा लंबा बैट्री बैकअप जैसे इंप्रूव्ड फीचर सहित बिल्कुल नए उपकरणों की लॉन्चिंग का भी साल रहा।
इसके अलावा, कई स्मार्टफोन कंपनियों ने अपने स्मार्टफोन को भारत में ही बनाने की घोषणा की, जिनमें चीनी कंपनी लाईको भी शामिल है, जिसने बाजार में ली 1एस, ली 2, ली मैक्स2 जैसे स्मार्टफोन उतारे। अन्य कंपनियों जैसे माइक्रोमैक्स, वीवो इंडिया, हुआवे तथा एलजी ने भी ‘मेक इन इंडिया’ को अपनाने की घोषणा की।
साल 2016 में भारतीय स्मार्टफोन उद्योग के मुख्य बिंदु :
– अमेरिका को पछाड़कर भारत दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार बना।
-देश में स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की संख्या 25 करोड़ हुई, जबकि साल के अंत तक इसके 28 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है।
– कई विदेशी स्मार्टफोन कंपनियों ने भारत में ही अपना स्मार्टफोन बनाने की घोषणा की।
18+
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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