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भारतीय खेल जगत में भूचाल के बाद मंत्रालय सख्त, कलमाड़ी पीछे हटे

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Kalmadi_Chautalaनई दिल्ली। केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपी सुरेश कलमाड़ी और अभय सिंह चौटाला को भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) का आजीवन मानद अध्यक्ष चुने जाने पर जारी की गई चेतावनी के थोड़ी ही देर बाद कलमाड़ी ने निर्दोष साबित होने तक पद स्वीकार करने से इनकार कर दिया। दूसरी ओर आईओए अध्यक्ष पद पर अपनी नियुक्ति का विरोध करने पर चौटाला ने गोयल पर उल्टे निशाना साधा और उन्हें अदालत तक खींचने की चेतावनी भी दे डाली।

आईओए ने मंगलवार को चेन्नई में हुई वार्षिक आमसभा में कलमाड़ी और चौटाला को सर्वसम्मति से आजीवन मानद अध्यक्ष पद के लिए चुना था। दोनों दागी नेताओं की नियुक्ति के बाद भारतीय खेल जगत में जैसे भूचाल आ गया और खेल मंत्रालय ने बुधवार को आईओए को कारण बताओ नोटिस जारी करने और मंत्रालय के साथ सारे संबंध खत्म करने तक की चेतावनी दे डाली।

गोयल ने यहां पत्रकारों से कहा, “मंत्रालय आईओए में कभी भी भ्रष्टाचार के आरोपियों को स्वीकार नहीं करेगा और इसीलिए एक दिन पहले हुई उनकी नियुक्तियों पर हमने आपत्ति जताई है।” गोयल ने कहा, “मंत्रालय एक-दो दिन में आईओए को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा और सरकार किसी भी सूरत में इस तरह के पदों पर भ्रष्ट लोगों की नियुक्ति को स्वीकार नहीं करेगी।”

उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि देश के सभी खेल संघ पारदर्शी तरीके से काम करें और भ्रष्टाचार से मुक्त हों। आईओए कलमाड़ी और चौटाला को नियुक्त कर आखिर क्या संदेश देना चाहती है?” कलमाड़ी पर 2010 में दिल्ली में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार के आरोप हैं। वह 1996 से 2011 के बीच 15 साल आईओए के अध्यक्ष भी रहे हैं। वह राष्ट्रमंडल खेल घोटाले में संलिप्तता के चलते 10 महीने की सजा भी काट चुके हैं, हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई। लेकिन कलमाड़ी के लिए सबसे बड़ा झटका अपनी ही पार्टी द्वारा अपनी नियुक्ति रद्द करने की मांग से लगी। पूर्व खेल मंत्री और कांग्रेस नेता अजय माकन ने चौटाला और कलमाड़ी की दागी पृष्ठभूमि का हवाला देते हुए बुधवार को गोयल से आईओए में उनकी नियुक्तियां निरस्त करने का अनुरोध किया।

माकन ने यहां संवाददाताओं से कहा, “पूर्व खेल मंत्री और खेलों का प्रशंसक होने के नाते मेरे लिए आईओए द्वारा कलमाड़ी और चौटाला की नियुक्तियां दुखी और आहत करने वाली हैं। यह फैसला खेल और भारत की छवि के लिए अच्छा नहीं है।”

चारों तरफ से हो रही आलोचना के बीच कलमाड़ी ने आईओए अध्यक्ष एन. रामचंद्रन को चि_ी लिखकर कहा कि वह निर्दोष साबित होने तक आईओए में कोई पद नहीं लेना चाहते। कलमाड़ी ने चि_ी में लिखा, “मुझे आजीवन मानद अध्यक्ष चुनने के लिए मैं आईओए का आभारी हूं। हालांकि मुझे नहीं लगता कि इस समय यह पद स्वीकार करना उपयुक्त होगा। मुझे पूरा विश्वास है कि अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के सभी आरोपों में मैं निर्दोष साबित होउंगा और तब तक मैं इस पद को स्वीकार नहीं करूंगा।”
दूसरी ओर चौटाला ने कहा कि वह अपनी नियुक्ति की आलोचना करने पर गोयल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। चौटाला ने कहा, “मैं खेल मंत्री के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा। मैं आईओए में मौजूद अपने मित्रों से बातचीत करूंगा और उसके बाद ही फैसला करूंगा कि क्या करूं।”

चौटाला भारतीय एमैच्योर मुक्के बाजी संघ के पूर्व अध्यक्ष हैं और आईओए में शीर्ष पर रहने के दौरान उनका कार्यकाल विवादित रहा था। उन्हें भ्रष्टाचार का आरोप भी झेलना पड़ा था।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 रुपये के बदले देना पड़ेगा 35,453 रुपये, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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