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सुप्रीम कोर्ट का जल्लीकट्टू को अनुमति देने से इनकार, आदेश के खिलाफ होगा प्रदर्शन

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Jallikattuनई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध हटाने के अनुरोध के साथ दायर की गई याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। जल्लीकट्टू सांड को काबू में करने का खेल है जिसे तमिलनाडु में पोंगल पर्व के दौरान खेला जाता रहा है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति आर. बानुमथि की खंडपीठ ने कहा कि जल्लीकट्टू पर फैसले का मसौदा तैयार कर लिया गया है, लेकिन इसे शनिवार से पहले सुना पाना संभव नहीं है।

अदालत की यह टिप्पणी वकीलों के एक समूह द्वारा फैसला सुनाने के अनुरोध पर आई। शीर्ष अदालत ने याचिका को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि खंडपीठ से आदेश पारित करने के लिए कहना अनुचित है। अदालत ने केंद्र सरकार की खेल को अनुमति देने की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया।

इस बीच, तमिलनाडु में जल्लीकट्टू को अनुमति दिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन की खबरें आईं हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट में कहा, “यदि जल्लीकट्टू का आयोजन सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति के बगैर होता है और तमिलनाडु सरकार कानून को लागू करने में असफल रहती है तो केंद्र को राज्य में निश्चित ही राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए।”

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने सोमवार को आग्रह किया था कि केंद्र सरकार जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए अध्यादेश लाए। प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में पन्नीरसेल्वम ने कहा कि जल्लीकट्टू पोंगल उत्सव का एक अभिन्न हिस्सा है और यह त्योहार तमिलनाडु के लोगों के लिए काफी महत्व रखता है।

तमिल अभिनेता सिंबु ने बुधवार को राज्य के लोगों से एकजुट होने का आह्वान किया और कहा कि जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध के खिलाफ लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह शांतिपूर्वक इसकी बहाली के लिए प्रदर्शन करेंगे। जल्लीकट्टू में सांड को काबू में किया जाता है। इसमें काबू करने वाले व्यक्ति को एक निश्चित दूरी या सांड के तीन बार कूदने तक उसकी पीठ पर बने रहना होता है।

सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु में मई 2014 में जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगा दिया था। अदालत ने यह भी कहा कि बैल को एक प्रदर्शन करने वाले जानवर के रूप में जल्लीकट्टू उत्सव में या बैलगाड़ी की दौड़ में तमिलनाडु, महाराष्ट्र या देश में कहीं भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।पोंगल त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा।

सर्वोच्च न्यायालय ने बीते साल 16 नवंबर को तमिलनाडु सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें साल 2014 के सांड की लड़ाई पर प्रतिबंध के फैसले को हटाने की मांग की गई थी। अदालत ने इस तरह के कार्य को जानवरों के प्रति क्रूरता बताया था। अदालत ने राज्य सरकार के इस तर्क को दरकिनार कर दिया कि 3500 साल पुरानी परंपरा धर्म में निहित है। अदालत ने कहा कि जल्लीकट्टू का धर्म से कोई संबंध नहीं है।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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