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मुख्य समाचार

निर्वाचन आयोग का केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर का निर्देश

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निर्वाचन आयोग ने केजरीवाल को फटकारा

 

पणजी | निर्वाचन आयोग ने गोवा के अधिकारियों को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के एक बयान को लेकर उनके खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने का निर्देश दिया है। केजरीवाल ने एक रैली के दौरान मतदाताओं से कहा था, “जो पार्टी पैसा दे, उससे पैसा ले लेना लेकिन वोट आम आदमी पार्टी को ही देना।”

उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय भी यही बात कही थी। उनकी शिकायत आयोग से की गई थी और आयोग ने उनसे जवाब तलब किया था।

इस बयान के पीछे केजरीवाल का तर्क है कि उनकी पार्टी के पास इतना पैसा नहीं है कि वह मतदाताओं के बीच बांटे। उनकी पार्टी इसे गलत मानती है। लेकिन धन के मामले में समृद्ध पार्टियां हर चुनाव में पैसे, साड़ियां, जींस, टीशर्ट वगैरह बांटकर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने का प्रयास करती हैं। जब इनसे पैसा लेकर इन्हें वोट नहीं दिया जाएगा, तब ये समृद्ध पार्टियां खुद पैसे बांटना बंद कर देंगी।

एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, “हमने एक एफआईआर दर्ज करने और 31 जनवरी तक उसकी अनुपालन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।”

इससे पहले निर्वाचन आयोग ने केजरीवाल को आठ जनवरी को गोवा में एक रैली के दौरान दिए उनके बयान पर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इस रैली में उन्होंने ‘दूसरी पार्टियोंसे पैसे लेने, लेकिन वोट न देने’ वाला बयान दिया था।

आप नेता के इस बयान को उनके विरोधी मतदाताओं को रिश्वत लेने के लिए उकसाने वाला बयान बता रहे हैं।

केजरीवाल ने पिछले साप्ताहांत गोवा में पार्टी की चार रैलियों को संबोधित किया था। चारों बार उन्होंने कहा था कि लोगों को पैसों का प्रस्ताव देने वाले राजनेताओं से केवल 5,000 रुपये ही स्वीकार नहीं करने चाहिए, बल्कि उनसे 10,000 रुपये की मांग करनी चाहिए, लेकिन वोट उन्हें आम आदमी पार्टी को देना चाहिए।

केजरीवाल ने उत्तरी गोवा के संक्वेलिम निर्वाचन क्षेत्र में एक रैली में कहा था, “अगर कांग्रेस या भाजपा पैसे देती है, तो इनकार न करें। इन दोनों पार्टियों ने बारी-बारी से देश को लूटकर धन इकट्ठा किया है। यह आपका ही पैसा है, आपको उसमें से कम से कम कुछ तो वापस मिल रहा है..लेकिन जब ईवीएम बटन दबाने की बारी आए, तो आप को ही वोट दें।”

भाजपा ने केजरीवाल पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए उनके बयानों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

गोवा में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान चार फरवरी को होगा। मुख्य मुकाबला अमूमन कांग्रेस और भाजपा के बीच होता आया है, लेकिन पहली बार दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी ‘आप’ के चुनावी समर में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग का प्रस्ताव- पुरुष दर्जी नहीं ले सकेंगे महिलाओं की माप, जिम में महिला ट्रेनर जरुरी

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लखनऊ। अगर आप महिला हैं तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल, यूपी में महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए उ.प्र. राज्य महिला आयोग ने कुछ अहम फैसले लिए हैं जिसे जानना आपके लिए बेहद ज़रूरी हैं। शुक्रवार को आयोग की बैठक सम्पन्न हुई। इस दौरान महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए गए। जो की इस प्रकार हैं।

1- महिला जिम/योगा सेन्टर में, महिला ट्रेनर होना चाहिए तथा ट्रेनर एवं महिला जिम का सत्यापन अवश्य करा लिया जाये।

2-महिला जिम/योगा सेन्टर में प्रवेश के समय अभ्यर्थी के आधार कार्ड/निर्वाचन कार्ड जैसे पहचान पत्र से सत्यापन कर उसकी छायाप्रति सुरक्षित रखी जाये।

3- महिला जिम/योगा सेन्टर में डी.वी.आर. सहित सी.सी.टी.वी. सक्रिय दशा में होना अनिवार्य है।

4. विद्यालय के बस में महिला सुरक्षाकर्मी अथवा महिला टीचर का होना अनिवार्य है।

5. नाट्य कला केन्द्रों में महिला डांस टीचर एवं डी.वी.आर सहित सक्रिय दशा में सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।

6. बुटीक सेन्टरों पर कपड़ों की नाप लेने हेतु महिला टेलर एवं सक्रिय सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।

7. जनपद की सभी शिक्षण संस्थाओं का सत्यापन होना चाहिये।

8. कोचिंग सेन्टरों पर सक्रिय सी.सी.टी.वी. एवं वाशरूम आदि की व्यवस्था अनिवार्य है।

9. महिलाओं से सम्बन्धित वस्त्र आदि की ब्रिकी की दुकानों पर महिला कर्मचारी का होना अनिवार्य है।

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