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विद्यार्थियों को मोदी की सलाह, परीक्षा को उत्सव की तरह समझें

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विद्यार्थियों को मोदी की सलाह, परीक्षा को उत्सव की तरह समझें

नई दिल्ली | वार्षिक परीक्षाओं में शामिल होने जा रहे छात्रों के ऊपर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उनसे परीक्षाओं को उत्सव की तरह समझने और नकल से बचने के लिए कहा। मोदी ने अपने मासिक रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ में कहा कि स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए आराम सर्वाधिक कारगर दवा है। उन्होंने युवाओं से वीरता पुरस्कार पाने वाले सैनिकों की बहादुरी के बारे में सोशल मीडिया पर लिखने का भी आग्रह किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि परीक्षाएं छात्रों, माता-पिता और अध्यापकों के लिए तनाव का कारण होने की बजाय खुशी का अवसर होनी चाहिए।

मोदी ने कहा, “परीक्षाएं खुशी का एक अवसर होना चाहिए। कुछ छात्रों के लिए परीक्षा खुशी की बात होती है, लेकिन ज्यादातर के लिए यह दबाव है। यह आप पर है कि आप खुशी और दबाव में से किसका चयन करते हैं।”

मोदी के मुताबिक, “जो इसे खुशी की तरह समझेंगे वे ज्यादा अंक हासिल कर पाएंगे। जो इसे दबाव के रूप में लेंगे, वे पछताएंगे।”

मोदी के अनुसार, “आराम आपकी याददाश्त बढ़ाता है, बातें याद आती है। जब आप तनाव में होते हैं तो सारे दरवाजे बंद हो जाते हैं। यह आपके लिए बोझ बन जाता है। स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए आराम सर्वाधिक कारगर दवा है।”

उन्होंने कहा, “प्रसन्नचित मन अच्छे अंक लाने का राज है, इसलिए ज्यादा मुस्कराएं, ज्यादा अंक लाएं।”

मोदी ने छात्रों से कहा कि उन्हें दूसरों से प्रतिस्पर्धा करने के बजाय खुद से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि परीक्षाएं सफलता का मानदंड नहीं होतीं। उन्होंने इस संबंध में क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर का उदाहरण भी दिया।

मोदी ने कहा, “ए.पी.जे.अब्दुल कलाम वायुसेना के लिए चयनित नहीं हो पाए थे। अगर उन्होंने हार मान ली होती और अपनी लड़ाई जारी नहीं रखी होती तो देश को एक महान वैज्ञानिक और राष्ट्रपति नहीं मिल पाता।”

प्रधानमंत्री ने परीक्षाओं के दौरान व्यायाम, समुचित आराम और पर्याप्त नींद लेने पर जोर दिया।

मोदी ने कहा कि नकल करना बुरी बात है, इसलिए ऐसा नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंक और अंकतालिका की सीमित उपयोग होता है। इनके पीछे भागने के बजाए कौशल और ज्ञान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

मोदी ने नागरिकों के अधिकार और कर्तव्यों पर चर्चा के अभाव पर दुख जताया।

उन्होंने कहा, “नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों पर उतना चर्चाएं नहीं हो रही हैं, जितनी होनी चाहिए। मुझे उम्मीद है कि अधिकार के साथ ही कर्तव्यों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।”

उन्होंने भारतीय तटरक्षक बल की तटीय सुरक्षा और तटीय सफाई व रखरखाव के लिए तारीफ की। एक फरवरी को भारतीय तटरक्षक बल की स्थापना के 40 वर्ष पूरे हो रहे हैं।

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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था

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मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।

कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।

बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।

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