बिजनेस
बजट से घरेलू बाजार को मिली मजबूती
मुंबई | बीते सप्ताह शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक मजबूती के साथ बंद हुए। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा 2017-18 का बजट पेश करने से बाजार को बल मिला। कारोबारी सप्ताह के पांच में से तीन में मजबूती रही। एसएंडपी बीएसई स्मॉलकैप और मिडकैप में भी मजबूती रही। तीन फरवरी को समाप्त सप्ताह में सेंसेक्स 358.06 अंकों यानी 1.28 फीसदी की मजबती के साथ 28,240.52 पर जबकि निफ्टी 99.70 अंकों यानी 1.15 फीसदी की मजबूती के साथ 8,740.95 पर बंद हुआ। बीएसई मिडकैप में 320.68 अंकों यानी 2.47 फीसदी की मजबूती रही। बीएसई स्मॉलकैप में 309.98 अंकों यानी 2.36 फीसदी की मजबूती रही।
कारोबारी सप्ताह के पहले दिन यानी 30 जनवरी को बाजार में हल्की गिरावट रही। सेंसेक्स 32.90 अंकों यानी 0.12 फीसदी की कमजोरी के साथ 27,849.56 पर बंद हुआ जो 25 जनवरी 2017 के बाद सबसे निचला बंद स्तर रहा। बाजार 31 जनवरी यानी मंगलवार को भी गिरावट के साथ बंद हुए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आव्रजन नीति को लेकर उपजी चिंता से बाजार धड़ाम से गिरा। सेंसेक्स 193.60 अंकों यानी 0.70 फीसदी की गिरावट के साथ 27,655.96 पर बंद हुआ जो 24 जनवरी 2017 के बाद इसका निचला बंद स्तर रहा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। बाजार एक फरवरी यानी बुधवार को मजबूती के साथ बंद हुए। संसद में आम बजट पेश होने से बाजार को बल मिला। सेंसेक्स 485.68 अंकों यानी 1.76 फीसदी की तेजी के साथ 28,141.64 पर रहा जो 24 अक्टूबर 2016 के बाद सबसे उच्चतम बंद स्तर रहा।
घरेलू बाजार में गुरुवार यानी 2 फरवरी को भी मजबूती रही। सेंसेक्स 84.97 अंक यानी 0.30 फीसदी की मजबूती के साथ 28,226.61 पर बंद हुआ। कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन यानी तीन फरवरी को बाजार में खासी उथल-पुथल रही। सेंसेक्स 13.91 अंकों यानी 0.05 फीसदी की मामूली बढ़त के साथ 28,240.52 पर बंद हुआ जो चार अक्टूबर 2016 के बाद सबसे उच्चतम बंद स्तर रहा।
इस समीक्षाधीन अवधि में सेंसेक्स के 30 में से 19 शेयरों में मजबूती जबकि बाकी में गिरावट रही। भारती एयरटेल में 9.34 फीसदी, कोल इंडिया में 2.92 फीसदी, एचडीएफसी में 1.84 फीसदी में सर्वाधिक मजबूती रही। एनटीपीसी में 2.77 फीसदी, ओएनजीसी में 1.76 फीसदी, गेल इंडिया में 0.93 फीसदी की सर्वाधिक गिरावट रही। वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा बजट में सिगरेट पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने से आईटीसी कंपनी के शेयरों में 5.81 फीसदी का उछाल देखा गया। बैंकिंग शेयरों की बात करें तो भारतीय स्टेट बैंक में 4.09 फीसदी, एचडीएफसी बैंक में 1.06 फीसदी और आईसीआईसीआई बैंक में 3.44 फीसदी की मजबूती रही।
बीते सप्ताह संसद में पेश हुए बजट की बात करें तो आयकर की दरों में कटौती का प्रस्ताव पेश किया गाय। 250,000 से 5,00,000 की आय पर कर 10 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी करने का प्रस्ताव दिया गया।
वैश्विक मोर्चे की बात करें तो जनवरी में चीन की विनिर्माण गतिविधयों में गिरावट रही। चीन का विनिर्माण पर्चेजिंग मैनेजर्स सूचकांक जनवरी में 51.3 फीसदी पर रहा जबकि दिसंबर में यह 51.4 फीसदी था। ब्रिटेन की विनिर्माण पीएमआई जनवरी में 55.9 फीसदी पर रही जबकि दिसंबर में यह 56.1 थी। बैंक ऑफ जापान (बीओजे) ने मौद्रिक नीति स्थाई रखी है। बैंक ने छोटी अवधि के लिए ब्याज दर नकारात्मक 0.1 फीसदी रखी है जबकि 10 वर्ष के सरकारी बांड यील्ड को लगभग शून्य रखा है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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