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जयललिता, शशिकला के खिलाफ अदालत का फैसला अगले सप्ताह

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जयललिता, शशिकला के खिलाफ अदालत का फैसला अगले सप्ताह

नई दिल्ली | आय से अधिक संपत्ति मामले में तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे.जयललिता, उनकी निकटतम सहयोगी वी.के.शशिकला तथा अन्य को बरी किए जाने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली कर्नाटक सरकार की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय अगले सप्ताह अपना फैसला सुना सकता है। कर्नाटक सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने न्यायालय से कहा कि मामले में मुख्य अरोपी का पहले ही निधन हो चुका है और दूसरी आरोपी वी.के.शशिकला जल्द ही तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं, जिसके बाद न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष के नेतृत्व वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि ‘अगले सप्ताह तक इंतजार कीजिए।’

सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ महीने पहले कर्नाटक सरकार की अपील पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले को उलटते हुए जयललिता, शशिकला तथा अन्य को बरी कर दिया था। निचली अदालत ने जयललिता, शशिकला तथा अन्य को मामले में दोषी करार दिया था।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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