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जांच आयोग उठाएगा जयललिता की मौत के रहस्य से पर्दा

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jayalalithaa death mystery

चेन्नई| तमिलनाडु में जारी राजनीतिक संकट के बीच राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने बुधवार को घोषणा की कि राज्य की दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत की जांच कराई जाएगी। पन्नीरसेल्वम ने खुद को ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमे) के कोषाध्यक्ष पद से हटाने के पार्टी महासचिव वी. के. शशिकला के फैसले पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि अंतरिम महासचिव होने के नाते उन्हें यह अधिकार नहीं है।

वहीं, शशिकला ने एआईएडीएमके में बढ़ते अपने विरोध के बीच इस बात पर जोर दिया कि पार्टी एकजुट है।

पन्नीरसेल्वम ने बुधवार को अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा, “जयललिता की मौत की जांच सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के नेतृत्व में होगी।”

उन्होंने कहा कि जयललिता की मौत को लेकर कई सवाल हैं। जयललिता का पांच दिसंबर, 2016 को यहां अपोलो अस्पताल में निधन हो गया था। उनका लंबे समय से इलाज चल रहा था। वह 75 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रही थीं।

तमिलनाडु विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष पी. एच. पांडियान ने मंगलवार को राज्यसभा के पूर्व सदस्य अपने बेटे मनोज पांडियान के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि जयललिता की मौत अस्वाभाविक थी।

पी. एच. पांडियान एआईएडीएमके के संस्थापक एम.जी. रामचंद्रन के मुख्यमंत्री कार्यकाल में विधानसभा के अध्यक्ष थे।

मनोज पांडियान ने यह भी दावा किया कि एक बार जयललिता ने उनसे कहा था कि उन्हें जहर देकर मारा जा सकता है।

मनोज पांडियान ने कहा, “जब मैं और ‘तुगलक’ के संपादक चो रामास्वामी जया टीवी के निर्देशक थे तो जयललिता ने हमसे अपना भय व्यक्त करते हुए कहा था कि उन्हें आशंका है कि यह गुट उन्हें जहर देकर मार सकता है।”

रामास्वामी का छह दिसंबर, 2016 को निधन हो गया। पन्नीरसेल्वम ने तमिलनाडु के राज्यपाल सी. विद्यासागर राव के इन दिनों राज्य से बाहर होने को लेकर शशिकला गुट द्वारा किए जा रहे सवालों पर कहा कि राज्यपाल संविधान के दायरे में काम कर रहे हैं।

पन्नीरसेल्वम ने यह भी कहा कि उन्होंने कभी पार्टी के सिद्धांतों को नहीं तोड़ा। पार्टी के कितने विधायक उनके साथ हैं, इस बारे में पूछे जाने पर पन्नीरसेल्वम ने कहा कि इसका खुलासा बाद में किया जाएगा।

उन्होंने दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की भतीजी दीपा जयकुमार का अपने साथ काम करने के लिए धन्यवाद किया। दीपा जयकुमार ने भी शशिकला को मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर विरोध व्यक्त किया है।

संवाददाता सम्मेलन के दौरान एआईएडीएमके सांसद वी. मैत्रेयन भी मौजूद थे।

इस बीच, पन्नीरसेल्वम ने तमिल टेलीविजन थांति टीवी से कहा कि शशिकला पार्टी की अंतरिम महासचिव हैं। इस नाते शशिकला को उन्हें पार्टी के पद से हटाने का अधिकार नहीं है।

एआईएडीएमके महासचिव शशिकला ने मंगलवार को तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच देर रात पन्नीरसेल्वम को पार्टी के कोषाध्यक्ष पद से हटा दिया था।

पन्नीरसेल्वम ने कहा कि शशिकला को पार्टी के हितों को ध्यान में रखते हुए अंतरिम महासचिव चुना गया। स्थाई महासचिव का चुनाव पार्टी के सभी सदस्यों को मिलकर करना होता है।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे, पन्नीरसेल्वम ने कहा, “प्रतीक्षा कीजिये।” उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया कि उन्हें विपक्षी दल द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) से शह मिल रही है। वहीं, शशिकला ने बुधवार को जोर देकर कहा कि पार्टी के सभी विधायक एक परिवार की तरह एकजुट हैं।

उन्होंने एक दिन पहले अपने खिलाफ बगावती तेवर अपनाने वाले पन्नीरसेल्वम के इस रुख की वजह उन्हें विपक्षी दल द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) से मिली शह बताया।

उन्होंने कहा, “पन्नीरसेल्वम जो भी कह रहे हैं या जो भी कदम उठा रहे हैं, उसकी वजह उनके और डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के. स्टालिन के बीच की मिलीभगत है।”

उन्होंने पन्नीरसेल्वम के इन आरोपों को खारिज किया कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने को मजबूर किया गया। शशिकला के अनुसार, डीएमके के उकसावे पर पन्नीरसेल्वम ने ये आरोप लगाए। उन्होंने यह भी कहा कि पन्नीरसेल्वम को पार्टी से हटाया जाएगा।

पन्नीरसेल्वम ने मंगलवार देर शाम एक नाटकीय घटनाक्रम में शशिकला के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा था कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया।

 

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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