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मुख्य समाचार

व्यापमं के 634 छात्रों का दाखिला रद्द, कांग्रेस ने शिवराज से मांगा इस्तीफा

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Vyapamभोपाल। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) की पीएमटी परीक्षा में चयनित 634 छात्रों के दाखिले को सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को रद्द कर दिया। फैसले के बाद विपक्षी कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें, क्योंकि इस घोटाले में सरकार की हिस्सेदारी है। ज्ञात हो कि वर्श 2008-12 के दौरान व्यापमं द्वारा आयेाजित पीएमटी परीक्षा के जरिए चयनित 634 छात्रों को व्यापमं की जांच समिति ने सामूहिक नकल का दोशी ठहराते हुए दाखिले को निरस्त कर दिया था।

व्यापमं के निर्णय के खिलाफ छात्र जबलपुर उच्च न्यायालय गए, उच्च न्यायालय ने व्यापमं जांच समिति के फैसले को सही ठहराया, तो छात्र सर्वोच्च न्यायालय गए, पहले सर्वोच्च न्यायालय की दो सदस्यीय खंडपीठ का फैसला अलग-अलग आया, तो मामला तीन सदस्यीय खंडपीठ में गया। इस तीन सदस्यीय खंडपीठ ने सोमवार को छात्रों को राहत देने से इंकार करते हुए उच्च न्यायालय के निर्णय को बरकरार रखा। इस तरह 634 छात्रों का दाखिला रद्द रहेगा।

राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्पेंद्र कौरव ने चर्चा करते हुए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 634 छात्रों का प्रवेश रद्द किए जाने के फैसले की पुष्टि की। इन सभी को सामूहिक नकल का दोशी पाया गया है। इन छात्रों का 2008-12 के बीच सॉल्वर की मदद से चयन हुआ था।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगते हुए कहा कि ये सभी छात्र नकल नहीं कर रहे थे, बल्कि इनसे सरकार, चिकित्सा-शिक्षा माफिया, दलालों और व्यापमं से जुड़े भ्रष्ट अधिकारी एक बड़ी रकम लेकर नकल करवा रहे थे।

यादव का कहना है कि इस आदेश ने साबित कर दिया है, कि व्यापमं में बड़े पैमाने पर गफलत होती रही है, व्यापमं घोटाले में शामिल अफसरों पर सरकार अब तक कार्रवाई करने से बचती रही है, क्योंकि घोटाले में सरकार की हिस्सेदारी है।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान कानून व्यवस्था के क्षेत्र में व्यापक पारदर्शिता और प्रामाणिकता के द्योतक हैं। उन्होंने ही स्वयं आगे आकर व्यापमं मामले में एसटीएफ का गठन किया। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने पूरे मामले को सीबीआई को सौंपने का भी निर्णय लिया।

उन्होंने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की कांग्रेस की मांग पर कहा कि दरअसल कांग्रेस के पास चिठ्ठियां लिखने और मुख्यमंत्री के इस्तीफे की रट लगाने के अलावा कोई काम नहीं बचा है। भाजपा का कानून में भरोसा है, इसलिए न्यायालय की हर कार्रवाई उसके लिए सम्माननीय है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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