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उत्तराखंड

उत्तराखंड में 69 सीटों पर मतदान जारी, 628 उम्मीदवारों के भाग्य का होगा फैसला

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Uttarakhand Votingदेहरादून। उत्तराखंड विधानसभा की 69 सीटों पर बुधवार सुबह आठ बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान शुरू हो गया। इस विधानसभा चुनाव में 75,13,547 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर 628 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।

निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के एक उम्मीदवार के निधन के कारण कर्णप्रयाग में मतदान स्थगित कर दिया गया है। इस सीट पर अब नौ मार्च को मतदान होगा।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूरी ने बताया कि राज्य में 10,685 मतदान केंद्र हैं। देहरादून में सर्वाधिक 1,725 मतदान केंद्र हैं जबकि रुद्रप्रयाग में सबसे कम सिर्फ 312 मतदान केंद्र हैं।

कुल 1,409 मतदान केंद्रों को अति संवेदनशील सूची में डाला गया है, जबकि 1,424 को संवेदनशील माना गया है।

मतदान प्रकिया की 221 स्थानों पर वीडियोग्राफी हो रही है, जबकि 197 स्थानों पर वेबकास्टिंग के साथ 2,012 मतदान केंद्रों पर मतदान प्रक्रिया की फोटोग्राफी की जा रही है।

सर्वाधिक ऊंचा मतदान केंद्र यमुनोत्री है जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 9,800 फीट है। 1,285 मतदन केंद्रों पर सीआरपीएफ की तैनाती के साथ सभी मतदान केद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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