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उप्र : घाघरा नदी में मगरमच्छ, तटवर्ती गांवों में दहशत
बहराइच । घाघरा नदी में गुरुवार को मगरमच्छ दिखने के बाद से लोग सकते में आ गए हैं। इस मामले में वन विभाग को सूचना दे दी गई है। सभी तटवर्ती गावों में दशहत व्याप्त है।
घाघरा नदी में घड़ियाल और मगरमच्छ नहीं पाए जाते हैं, जिसके चलते आए दिन बौंडी, शुक्लनपुरवा, घुरेहरीपुर, पिपरी, पिपरा व अन्य गांवों के लोग नदी में स्नान करने के साथ ही मवेशियों को तट पर चराने ले जाते थे। लेकिन गुरुवार को अचानक घाघरा नदी में मगरमच्छ दिखा।
शुक्लनपुरवा गांव के निकट स्पर के उस पार टापू में अलग-अलग स्थानों पर तीन मगरमच्छ धूप सेंक रहे थे। इस दौरान चरवाहा किशुन कुमार, बजरंगी आदि ने मरगमच्छों को नदी के टापू पर देखकर सहम गए। सूचना पाकर गांव के लोग भी इकट्ठा हो गए। हालांकि इस दौरान आवाज होने पर मगरमच्छ नदी के अंदर चले गए। इस मामले में वन विभाग को सूचना दे दी गई है।
वन क्षेत्राधिकारी परवेज रुस्तम ने कहा, “घाघरा में कभी-कभार मगरमच्छ आ जाते हैं। चौंकने वाली बात नहीं है। लेकिन तटवर्ती गांव के लोगों को सजग रहना होगा। मवेशियों को पानी पिलाते समय भी सजग रहना होगा।”
उन्होंने कहा, “नेपाल से निकलने वाली गेरुआ और कौड़ियाला नदी में मरगमच्छ बहुतायत में पाए जाते हैं। गौरतलब हो कि यही नदी चौधरी चरण सिंह गिरिजापुरी बैराज से घाघरा के रूप में बनकर निकलती है, जिसके चलते बैराज का फाटक खुलने पर अक्सर मगरमच्छ और घड़ियाल घाघरा में पहुंच जाते हैं।”
IANS News
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्यपाल गुलाब चंद काटिया की तारीफ
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान वीरवार को मोहाली के डेराबस्सी के मुबारिकपुर में आयोजित जैन भगवती दीक्षा महोत्सव में शिरकत करने पहुंचे थे। यह कार्यक्रम जैन समुदाय की तरफ से आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मान ने कहा कि राज्य सरकार महान गुरुओं, संतों, ऋषियों, पैगंबरों और शहीदों के दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए जनता के कल्याण और राज्य के विकास के लिए कार्य कर रही है। कार्यक्रम में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और उनकी पत्नी भी मौजूद रहीं।
मुख्यमंत्री ने पंजाब के राज्यपाल की तारीफ की। उन्होंने कहा कि पंजाब के गर्वनर गुलाब चंद काटिया ने जब से प्रदेश के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक का कार्यभार संभाला है, तब से प्रदेश में बहुत अच्छी तरह से सरकार चल रही है और चंडीगढ़ प्रशासन भी चल रहा है। राज्यपाल काफी तजुर्बे वाले इंसान हैं। इसलिए वह ‘ मेकर भी हैं और उनके पास बहुत अनुभव है। क्योंकि राज्यपाल महोदय केंद्र में मंत्री रहे हैं, राजस्थान की राजनीति में उनका लंबा अनुभव है, एमपी और एमएलए भी रहे हैं। सीएम मान ने कहा कि राज्यपाल के तजुर्बे का मुझे भी फायदा मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह विभिन्न प्रकार के फूलों की विविधता आंखों को सुखद अनुभव देती है, उसी तरह हर समाज में हर धर्म का शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व देश की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। प्रदेश सरकार इस महान उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य में सामुदायिक सद्भाव को मजबूत करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।
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