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यूपी इलेक्शन : 53 सीटों के लिए मतदान जारी, 10 बजे तक 15 फीसदी वोटिंग

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण का मतदान कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार सुबह सात बजे शुरू हो गया। 10 बजे तक 15 फीसदी मतदान होने की सूचना है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी व इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी. वी. भोसले ने भी सुबह इलाहाबाद में मतदान किया।

राज्य निर्वाचन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इलाहाबाद में 9.60 फीसद, बांदा में 10.58 प्रतिशत, चित्रकूट में 11.40 प्रतिशत, फतेहपुर में 9.72 प्रतिशत, हमीरपुर में 10.50 प्रतिशत, झांसी में 10.40 प्रतिशत, जालौन में 8.67 प्रतिशत, कौशाम्बी में 11.80 प्रतिशत, प्रतापगढ़ में 9.75 प्रतिशत, रायबरेली में 10.23 प्रतिशत और महोबा में 13 प्रतिशत मतदान होने की सूचना है।

रायबरेली जिले के सदर विधानसभा 180 की बूथ संख्या 256 में दो घंटे विलंब से मतदान शुरू हुआ। झांसी में बबीना विधानसभा क्षेत्र के बरुआसागर में बूथ नंबर 101 सरस्वती मंदिर स्कूल में भी ईवीएम में खराबी आने की वजह से एक घंटे मतदान प्रभावित हुआ। भाजपा प्रत्याशी ने शिकायत दर्ज कराई है।

ज्ञात हो कि 53 विधानसभा सीटों पर कुल 680 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें 61 महिला उम्मीदवार हैं।

उन्होंने बताया कि मतदान सुबह सात बजे शुरू हो गया, जो सायं पांच बजे तक चलेगा। सबसे ज्यादा मतदाता ललितपुर विधानसभा क्षेत्र में हैं। इस क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 4,53,162 है, जबकि सबसे कम मतदाता अयाहशाह (फतेहपुर) विधानसभा क्षेत्र में 2,60,439 हैं।

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी. वेंकटेश ने बताया कि चौथे चरण में दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 91,507 है। मतदान केन्द्रों की संख्या 12,492 है, जबकि 19,487 मतदेय स्थल बनाए गए हैं।

उन्होंने बताया कि इस चरण में कुल 680 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें महिला प्रत्याशियों की संख्या 61 है। सबसे अधिक 26 प्रत्याशी इलाहाबाद उत्तरी सीट पर हैं। सबसे कम छह प्रत्याशी खागा विधानसभा (फतेहपुर), कुंडा (प्रतापगढ) और मंझनपुर (कौशाम्बी) में है।

निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इस चरण में 3,26,473 (18-19 वर्ष) युवा मतदाता पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। चौथे चरण में मतदेय स्थलों पर 1308 डिजिटल कैमरा तथा 991 वीडियो कैमरा की व्यवस्था की गई है।

IANS News

महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।

विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य

महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।

अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।

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