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यूपी चुनाव: सातवें चरण का प्रचार थमा, मतदान बुधवार को
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी सहित सात जिलों की 40 विधानसभा क्षेत्रों में सोमवार को शाम पांच बजे चुनाव प्रचार थम गया।
इस चरण में पूर्वांचल के सात जनपदों गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, भदोही, सोनभद्र और जौनपुर की 40 विधानसभा सीटों में चुनाव हैं। इन सीटों में आगामी आठ मार्च को मतदान होंगे।
इसी चरण में तीन नक्सल प्रभावित जिले भी शामिल हैं। सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली में सुरक्षाबल अलर्ट हैं। सातों चरणों के वोटों की गिनती 11 मार्च को होगी। अंतिम चरण में 1.41 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे, जिनमें 64.76 लाख महिलाएं हैं। कुल 14 हजार 458 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
इस चरण में कुल 535 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है, जिनमें से बसपा के 40, भाजपा के 32, सपा के 31, कांग्रेस के नौ, रालोद के 21, राकांपा के पांच प्रत्याशी हैं। सबसे अधिक 24 उम्मीदवार वाराणसी कैंट सीट से मैदान में हैं, जबकि सबसे कम छह प्रत्याशी केराकत सीट पर हैं।
गाजीपुर जिले की जखनिया (एससी), सैदपुर (एससी), गाजीपुर, जंगीपुर, जहूराबाद, मोहम्मदाबाद और जमानिया विधानसभा सीटें शामिल हैं। वाराणसी जिले की पिंडरा, अजगरा (एससी), शिवपुर, रोहनिया, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी उत्तर, वाराणसी कैंट और शिवपुरी विधानसभा सीटें शामिल हैं।
चंदौली जिले की मुगलसराय, सकलडीहा, सैयदराजा और चकिया (एससी) विधानसभा सीटें शामिल हैं। मिर्जापुर जिले की छानबे (एससी), मिर्जापुर, मजहावां, चुनार और मरिहां विधानसभा सीटें इसी चरण में शामिल हैं। भदोही जिले की भदोही, ज्ञानपुर और औराई (एससी) विधानसभा सीटों पर इसी चरण में वोट पड़ेंगे।
सोनभद्र जिले की घोरावल, राबर्ट्सगंज, ओबरा (एसटी) और दुद्धी (एससी) विधानसभा सीटों पर वोट इसी चरण में पड़ेंगे। जौनपुर जिले की बदलापुर, शाहगंज, जौनपुर, मलहानी, मुंगरा बादशाहपुर, मछलीशहर (एससी) मरियाहू, जाफराबाद और केराकट (एससी) विधानसभा सीटों पर आठ मार्च को मतदान होगा।
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में 40 सीटों में से 23 सपा के खाते में गई थी। बसपा को पांच, भाजपा को चार, कांग्रेस को तीन और अन्य को पांच सीटें मिली थीं।
IANS News
महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद
प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।
मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र
इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।
पलक झपकते काम करेगी तकनीक
महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।
फोटो से मिलान करेगा एआई
महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।
पहचान का देना होगा प्रमाण
जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।
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