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गोवा में पर्रिकर सरकार ने हासिल किया विश्वास मत

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पणजी। गोवा विधानसभा में गुरुवार को हुए शक्ति परीक्षण में मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने जीत हासिल कर ली। पर्रिकर सरकार को 22 विधायकों का समर्थन हासिल हुआ, जबकि कांग्रेस के समर्थन में केवल 16 विधायक खड़े हुए।

पर्रिकर ने मंगलवार को चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। पर्रिकर अभी विधानसभा सदस्य नहीं हैं, वह अभी राज्यसभा सदस्य हैं। उन्होंने विश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिसके बाद विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष सिद्धार्थ कंकोलिएंकर ने विश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने वालों को खड़े होने को कहा।

विश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने वाले 22 विधायकों में अस्थाई विधानसभा अध्यक्ष को छोडक़र अन्य भाजपा विधायक, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) और गोवा फॉरवर्ड के तीन-तीन विधायक तथा तीन निर्दलीय विधायक और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक चर्चिल अलेमाओ शामिल हैं।

पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस नेतृत्व पर राज्य में सरकार बनाने का मौका गंवाने का आरोप लगा रहे कांग्रेस विधायक विश्वजीत राणे वोटिंग के दौरान मौजूद नहीं थे।

बाद में राणे ने विधानसभा परिसर के बाहर संवाददाताओं से कहा, “मैं कांग्रेस के काम करने के तरीके को लेकर शिकायत करता रहा हूं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा। मैं जल्द ही पार्टी छोड़ दूंगा।”

पर्रिकर से राणे की गैर मौजूदगी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “आप मुझसे क्यों पूछ रहे हैं, उनसे पूछिए।” कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपानीत सरकार असंवैधानिक तरीके से बनी है।

कांग्रेस प्रवक्ता और विधायक एलेक्सो रेगिनाल्डो ने कहा, “यह सरकार वैध नहीं है। उन्होंने हमें सदन में बोलने नहीं दिया और विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा नहीं करने दी। यहां तक कि उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति को अध्यक्ष के रूप में बैठा दिया जो 2012 में मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को रिपोर्ट करते था।”

पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर ने बाद में संवाददाताओं से कहा, “बजट सत्र समाप्त होने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। बजट सत्र 22 मार्च को शुरू होगा।”

गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने पर्रिकर को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का समय दिया था, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता चंद्रकांत कावलेकर की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस तटीय राज्य की नई सरकार से गुरुवार को ही बहुमत साबित करने को कहा था।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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