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प्रादेशिक

आठ एनएसजी कमांडो और 400 पुलिसकर्मी करेंगे सीएम योगी की सिक्योरिटी

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लखनऊ। हिंदुत्व के ‘चरम चेहरा’ और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की सिक्योरिटी चाक-चौबंद कर दी गई है। मुख्यमंत्री बनते ही उन्हें जेड प्लस सुरक्षा मिल गई है। उनकी सुरक्षा को लेकर समय-समय पर एजेंसियां आगाह करती रही हैं। जल्द ही उनकी सुरक्षा में राष्ट्रीय सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) के कमांडो आ जाएंगे।

आधिकारिक तौर पर बताया गया है कि एक शिफ्ट में आठ कमांडो के हिसाब से योगी की सुरक्षा के लिए 24 कमांडो की तैनाती हो सकती है। इसके अलावा तीन शिफ्ट के लिए करीब 400 पुलिसकर्मी उनकी सुरक्षा में लगा दिए गए हैं।

लखनऊ में योगी शुभ मुहूर्त देख सरकारी आवास 5, कालिदास मार्ग में रहेंगे। इसमें पहले अखिलेश यादव रहते थे। उन्होंने जब आवास खाली कर दिया, तब इसे गोरक्षनाथ पीठ (गोरखपुर) से 11 गायों का दूध, गौमूत्र और गंगाजल मंगाकर धोया गया। शुद्धिकरण, हवन और पूजा-पाठ के बाद उस शुभ मुहूर्त की प्रतीक्षा की जा रही है, जब महंत आदित्यनाथ सरकारी आवास में संन्यासी की तरह रहने लगेंगे।

योगी फिहाल वीवीआईपी गेस्ट हाउस में भी रह रहे हैं, जहां अतिरिक्त पुलिसकर्मी भी तैनात हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा के लिए डीजीपी जावीद अहमद ने सोमवार को अपने सभागार में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की थी। बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) दलजीत सिंह चौधरी, अपर पुलिस महानिदेशक (सुरक्षा) भवेश कुमार सिंह, आईजी (सुरक्षा) मुथा अशोक जैन समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित थे। डीजीपी ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा की समीक्षा की।

डीजीपी ने कहा कि उनकी सुरक्षा को और अधिक चाक-चौबंद व पुख्ता किया जाए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार की कोताही न हो।

योगी के गृह नगर गोरखपुर के लिहाज से भी सुरक्षा की समीक्षा हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर में रहते हैं, इस कारण वहां की स्थिति को देखते हुए भी इंतजाम किए जा रहे हैं। नवरात्र में योगी के गोरखपुर में ही रहने की संभावना है। इसके चलते वहां भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त के निर्देश दिए गए हैं।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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