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प्रादेशिक

यूपी में गौ तस्करी पर पूर्ण प्रतिबंध

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आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, अवैध बूचड़खानों, राजकीय कार्यालयों

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आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, अवैध बूचड़खानों, राजकीय कार्यालयों

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने सूबे में गौ तस्करी पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है और इस अवैध कार्य में लगे अराजक तत्वों की क्षेत्रवार पहचान कर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने प्रदेश में संचालित अवैध बूचड़खानों को बंद करने के लिए तत्काल कार्य योजना तैयार करने के निर्देश भी दिए हैं।

मुख्यंमत्री ने बुधवार को मुख्य सचिव राहुल भटनागर सहित पुलिस एवं शासन के बड़े अधिकारियों के साथ प्रदेश की कानून-व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने कहा, “प्रदेश में गौ तस्करी की घटनाएं पूरी तरह समाप्त होनी चाहिए और यह जमीन पर नजर आना चाहिए। प्रदेश में गौ तस्करी पूरी तरह प्रतिबंधित की जाए। साथ ही प्रदेश के सभी अवैध बूचड़खानों को बंद करने की दिशा में एक कार्य योजना तैयार किया जाए।”

पिछली सपा सरकार के कार्यकाल में राजनैतिक एवं अन्य व्यक्तियों को प्रदान की गई सुरक्षा व्यवस्था पर योगी ने कहा, “इस संबंध में व्यक्तिवार आवश्यकता एवं औचित्य को देखते हुए तत्काल समीक्षा की जाए, जिससे पुलिस बल की अनावश्यक व्यस्तता को कम करते हुए उन्हें अधिक से अधिक जनता की सुरक्षा के लिए तैनात किया जा सके।” योगी ने प्रदेश के हर जिले में पुलिस के गश्त बढ़ाए जाने को कहा है।

उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं पर नियंत्रण के लिए पुलिस बल को और अधिक चौकस एवं सतर्क रहना होगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्तर पर जिम्मेदारी तय करते हुए इसकी समीक्षा की जाए।

मुख्यमंत्री ने गंदगी को बीमारियों का मुख्य कारण बताते हुए कहा कि इसके लिए सरकारी विभागों को स्वच्छता पर बल देते हुए जन चेतना जागृत करने की पहल करनी होगी। उन्होंने सभी सरकारी एवं अर्धसरकारी कार्यालयों एवं स्थानीय निकायों को सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। योगी ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी इस मामले में अभियान चलाकर सफाई व्यवस्था सुनिश्चित कराएं।

उन्होंने यह भी कहा कि यह काम केवल एक बार नहीं, बल्कि लगातार किया जाना चाहिए, जिससे राजकीय कार्यालयों की छवि में सुधार हो।

IANS News

महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद

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प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।

मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र

इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।

पलक झपकते काम करेगी तकनीक

महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।

फोटो से मिलान करेगा एआई

महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।

पहचान का देना होगा प्रमाण

जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।

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