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प्रादेशिक

दिल्ली ने अर्थ ऑवर के दौरान बचाई 290 मेगावाट बिजली

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दिल्ली, 290 मेगावाट बिजली, वैश्विक अर्थ, प्रवक्ता, बीआरपीएल

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नई दिल्ली | दिल्ली ने अर्थ ऑवर के दौरान बत्तियां बुझा कर और बिजली के उपकरण बंद कर लगभग 290 मेगावाट बिजली बचा ली। यह जानकारी राष्ट्रीय राजधानी में विद्युत वितरण करने वाली कंपनियों ने दी है।

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वैश्विक अर्थ ऑवर पहल का उद्देश्य ऊर्जा बचाना है और इसे शनिवार शाम 8.30 बजे से 9.30 बजे तक आयोजित किया गया। बीएसईएस के एक प्रवक्ता ने यहां कहा, “बिजली की यह बचत पिछले वर्ष से अधिक है, जब दिल्ली ने 230 मेगावाट बिजली बचाई थी।”

प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी की दोनों शाखाएं -बीएसईएस राजधानी पॉवर लिमिटेड (बीआरपीएल) और बीएसईएस यमुना पॉवर लिमिटेड (बीवाईपीएल) ने क्रमश: लगभग 113 मेगावाट और 95 मेगावाट बिजली बचाई, जो मिलाकर 208 मेगावाट होती है। बीएसईएस की ये दोनों कंपनियां दिल्ली के बड़े हिस्से को बिजली का वितरण करती हैं।

बीआरपीएल और बीवाईपीएल ने अर्थ ऑवर के दौरान अपने 400 से अधिक कार्यालयों में भी गैर जरूरी सभी बत्तियां बुझा दी थीं। बीएसईएस के 40 लाख उपभोक्ता हैं, और पिछले वर्ष राजधानी में इसने अर्थ ऑवर के दौरान लगभग 207 मेगावाट बिजली बचाई थी।

राष्ट्रीय राजधानी में विद्युत वितरण से जुड़ी दूसरी कंपनी, टाटा पॉवर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ने अर्थ ऑवर 2017 के दौरान 82 मेगावाट बिजली बचाई। कंपनी ने एक बयान में कहा कि पिछले वर्ष कंपनी ने अर्थ ऑवर के दौरान लगभग 55 मेगावाट बिजली बचाई थी।

टाटा पॉवर उत्तरी और उत्तर-पश्चिम दिल्ली में बिजली वितरण की जिम्मेदारी संभालती है। कंपनी ने कहा कि अपने वितरण इलाके में उपभोक्ताओं व रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशंस के साथ मिलकर अर्थ ऑवर के दौरान कई जगह मोमबत्ती जुलूस भी निकाले गए, ताकि लोग ऊर्जा संरक्षण के प्रति संवेदनशील हों।

अर्थ ऑवर वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) द्वारा शुरू किया गया एक वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय आयोजन है, जिसके तहत पूरी दुनिया में घरों और कारोबारों में एक घंटे के लिए गैर जरूरी बत्तियां और बिजली के उपकरण बंद करने का आग्रह किया जाता है। यह पहल जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई की जरूरत पर जागरूकता पैदा करने के लिए है।

 

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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