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नेशनल

साध्वी प्रज्ञा ने कहा कांग्रेस के कारण हमें नौ साल जेल में पड़ा गुजारना

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भोपाल| मालेगांव विस्फोट के मामले में मुंबई उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद गुरुवार को भोपाल के केंद्रीय जेल से रिहा होते ही साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि उन्हें कांग्रेस की साजिश के कारण नौ साल जेल में गुजारना पड़ा। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “कांग्रेस और यूपीए सरकार ने वर्ष 2008 में जो षड्यंत्र रचा था, उससे आज कारागार के बंधन से अर्धमुक्त हुई हूं, क्योंकि अभी प्रकरण मुंबई न्यायालय में चलेगा।”

‘भगवा आतंकवाद’ को लेकर पूछ गए सवाल पर उन्होंने कहा, “भगवा आतंकवाद नाम तो कांग्रेस की देन है, यह शब्द पी. चिदंबरम ने कहा था। जो विधर्मी लोग होते हैं, उनके लिए यह भगवा आतंकवाद ही होगा, क्योंकि वे इससे डरते हैं और डरना भी चाहिए। राक्षसी प्रवृत्तियों के लिए यह बहुत बड़ा हथियार है।”

उन्होंने एक सवाल के जवाब में इशारों-इशारों में मोदी सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा, “यह तो निश्चित था कि कांग्रेस का षड्यंत्र था और यह भी निश्चित है कि वर्तमान में कोई ऐसी सरकार है जो षड्यंत्र नहीं करेगी। वर्तमान में ऐसी सरकार है जो न्याय के लिए प्रयास करती है, मेरा तो प्रकरण लंबित था न्यायालय में, न्यायालय ने जो भी किया वह मुझे स्वीकार है।”

उन्होंने न्यायालय के प्रति आभार जताते हुए कहा, “अब मैं अपना इलाज बेहतर तरीके से करा सकूंगी और खुले में सांस ले सकूंगी।” मुंबई उच्च न्यायालय से 25 अप्रैल को जमानत मिलने के बाद प्रज्ञा को गुरुवार को भोपाल के केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया। स्तन-कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ठाकुर का ढाई वर्ष से भोपाल के पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सा संस्थान में इलाज चल रहा है।

महाराष्ट्र के नाशिक जिले में मुंबई से 290 किलोमीटर दूर मुस्लिम बहुल मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के पास किए गए बम विस्फोट में 6 लोगों की जान गई थी और 100 लोग घायल हुए थे। जुमे की नामाज के समय किए गए इन विस्फोटों को कांग्रेस ने ‘भगवा आतंकवाद’ नाम दिया था।

आरएसएस से जुड़े हिंदूवादी संगठन ‘अभिनव भारत’ को जिम्मेदार मानते हुए महाराष्ट्र एसआईटी ने मुख्य आरोपी प्रज्ञा ठाकुर को गिरफ्तार किया था। केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद मई, 2016 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रज्ञा को क्लीनचिट दे दी। कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र में सत्ता परिवर्तन के बाद इस मामले को कमजोर किया गया है।

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उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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