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प्रादेशिक

लालू-शहाबुद्दीन ऑडियो मामले में भाजपा ने नीतीश पर साधा निशाना

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), भाजपा, राष्ट्रीय जनता दल, राजद, प्रमुख लालू यादव, माफिया मोहम्मद शहाबुद्दीन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,

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नई दिल्ली/पटना। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू यादव और जेल में बंद माफिया मोहम्मद शहाबुद्दीन के बीच बातचीत का ऑडियो सामने आने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा। लालू और शहाबुद्दीन के बीच बातचीत का यह ऑडियो एक निजी समाचार चैनल ने जारी किया है।

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केंद्रीय विधि मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इस बातचीत को देश में ‘आपराधिक-राजनीतिक सांठगांठ’ का सबसे बुरा रूप बताया। रविशंकर प्रसाद ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “शहाबुद्दीन देश में अपराध और राजनीति के सबसे खराब सांठगांठ का उदाहण है।” उन्होंने कहा, “शहाबुद्दीन जैसा सजायाफ्ता कुख्यात अपराधी राज्य का शासन चला रहा है और राजद प्रमुख लालू प्रसाद इसमें उसकी मदद कर रहे हैं।”

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपनी सरकार में सहयोगी लालू के खिलाफ कार्रवाई की चुनौती देते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, “मैं भाजपा की ओर से नीतीश कुमार से पूछना चाहता हूं कि क्या वह लालू के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाएंगे?”

उल्लेखनीय है कि शनिवार को जैसे ही लालू और जेल में बंद पूर्व सांसद व बाहुबली राजद नेता शहाबुद्दीन के बीच फोन पर हुई बातचीत का खुलासा हुआ बिहार की सियासत गरमा गई।

विपक्ष ने जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा निशाना साधा है, वहीं सत्ताधारी नेता अभी खुलकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “एक निजी चैनल ने यह साफ कर दिया है कि लालू, माफिया से नेता बने शहाबुद्दीन से कैसा निर्देश ले रहे हैं। क्या नीतीश कुमार कार्रवाई करेंगे?”

मोदी ने अपने अगले ट्वीट में लिखा है, “शहाबुद्दीन अभी भी राजद का सदस्य है, उसे लालू ने पार्टी से निलंबित क्यों नहीं किया?” हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा, “इस ऑडियो के आने से साबित हो गया है कि राज्य में अपराधियों के संरक्षण में सरकार चल रही है। इस मामले में केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए।”

इधर, जद (यू) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा कि ऑडियो की सच्चाई जानने के बाद ही वह इस मामले पर कोई बयान देंगे। अभी इस बारे में कुछ टिप्पणी करना सही नहीं है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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