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प्रादेशिक

धनशोधन मामले में ईडी में नारद न्यूज के सीईओ तलब

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नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन के एक मामले में शनिवार को नारद न्यूज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मैथ्यू सैमुअल को 24 मई को तलब किया। उन्हें ईडी के कोच्चि कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है।

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ईडी ने धनशोधन का मामला नारद न्यूज पोर्टल के एक स्टिंग ऑपरेशन के सिलसिले में दर्ज किया था। इसमें पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को एक फर्जी कंपनी की मदद करने के एवज में कथित तौर पर रकम लेते दिखाया गया था।

ईडी ने सैमुअल को 11 मई को भी तलब किया था और 18 मई को कोलकाता के साल्ट लेक स्थित अपने कार्यालय में पेश होने को कहा था।

सैमुअल को निजी व समाचार चैनल से संबंधित वित्तीय दस्तावेज, तीन साल के आयकर रिटर्न भी अपने साथ लाने या भेजने को कहा गया है।

ईडी के मामले में सैमुअल आरोपी नहीं हैं, लेकिन एजेंसी उनसे स्टिंग ऑपरेशन से संबंधित जानकारी तथा किन परिस्थितियों में उसे अंजाम दिया गया, इसके बारे में जानना चाहता है। मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) उनसे पहले ही पूछताछ कर चुकी है।

सीबीआई की ओर से पिछले महीने दर्ज एक मामले के आधार पर ईडी ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ धनशोध रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया है।

सीबीआई ने नारद मामले में पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी के कई नेताओं तथा भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक अधिकारी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है।

प्राथमिकी में स्टिंग में कथित तौर पर रकम लेते कैद हुए 12 लोगों सहित कई लोगों के नाम दर्ज हैं, जिनमें तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद मुकुल रॉय, लोकसभा सदस्य सौगत रॉय, सुल्तान अहमद, ककाली घोष दस्तीदार, राज्य मंत्री सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हाकिम, सोवन चटर्जी, जो कोलाकाता के महापौर भी हैं तथा पूर्व मंत्री मदन मित्रा शामिल हैं।

प्राथमिकी में तृणमूल कांग्रेस सांसद अपरूपा पोद्दार का नाम भी शामिल है। पश्चिम बंगाल में पिछले साल मार्च में तब सियासी तूफान आ गया था, जब नारद न्यूज पोर्टल ने कई वीडियो फुटेज जारी किए थे, जिनमें तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं को कथित तौर पर रकम लेते दिखाया गया था।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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