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झारखंड में 2 भूमि अधिनियमों में संशोधन पर असंतोष

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रांची, 19 जून (आईएएनएस)| झारखंड में मुख्यमंत्री रघुबर दास की सरकार द्वारा दो भूमि अधिनियमों में संशोधन को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं तथा विधायकों के बीच असंतोष एक बार फिर धरातल पर उभर आया है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथा विधायक ताला मरांडी ने कहा कि संशोधन जनजाति समुदाय के लोगों की भावनाओं के खिलाफ है।

असंतोष तब और चरम पर पहुंच गया, जब भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने रांची में शनिवार को पार्टी के नेताओं व विधायकों से बातचीत की।

पार्टी की कोर कमेटी के सदस्य तथा विधायक दो भूमि अधिनियमों- छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी) तथा संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम में संशोधन को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

माधव वर्तमान में झारखंड के तीन दिवसीय दौरे पर हैं और विभिन्न जिलों में पार्टी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं।

उन्होंने रांची में शनिवार को सरकार के कामकाज तथा दोनों भूमि अधिनियमों पर पार्टी के रुख पर चर्चा की। अगले दिन उन्होंने सरायकेला-खरसावा जिले में भाजपा नेताओं से मुलाकात की।

खूंटी में भी पार्टी के नेताओं से उनकी मुलाकात प्रस्तावित थी।

सरायकेल-खरसावा तथा खूंटी दोनों ही जिले जनजाति बहुल जिले हैं।

पार्टी महासचिव से मुलाकात के दौरान, पार्टी नेताओं ने खुलकर राज्य सरकार के कामकाज तथा दोनों भूमि अधिनियमों में संशोधन पर अपनी नाराजगी जाहिर की।

भाजपा के एक नेता ने आईएएनएस से कहा कि उन्होंने दोनों भूमि अधिनियमों में संशोधन को वापस लेने की मांग की और माधव को यह भी बताया कि सरकार ने पार्टी के नेताओं को किनारे कर दिया है।

भाजपा के नेतृत्व वाली प्रदेश की गठबंधन सरकार की घटक दल ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) भी विपक्षी पार्टियों के साथ दोनों भूमि अधिनियमों में संशोधन का विरोध कर रही है।

राज्य में संशोधन के खिलाफ विरोध नियमित तौर पर हो रहे हैं।

झारखंड सरकार ने दिसंबर 2016 में शीतकालीन सत्र के दौरान दो भूमि अधिनियमों में संशोधनों को पारित कर दिया।

संशोधन के बाद राज्य सरकार जमीनों का अधिग्रहण उद्योगों, बुनियादी संरचना तथा अन्य कार्यो के लिए कर सकती है। साथ ही कृषि भूमि का इस्तेमाल गैर कृषि कार्यो के लिए किया जा सकता है।

राज्य सरकार द्वारा पारित संशोधन प्रदेश की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के पास लंबित है।

भाजपा नेताओं के मुताबिक, संशोधन से जनजाति समुदाय में गलत संकेत गया, जिनकी राज्य में आबादी 27 फीसदी है।

भाजपा को जनजाति आरक्षित सीटों पर लोकसभा तथा विधानसभा चुनाव में बहुमत मिला है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 14 में से 12 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि विधानसभा की 81 में से 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

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नेशनल

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की तबियत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

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नई दिल्ली। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास को चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। RBI प्रवक्ता की ओर से ये जानकारी दी गई है। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है। वो आज ही हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो जाएंगे। एसिडिटी की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

आरबीआई के प्रवक्ता ने कहा भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर श्री शक्तिकांत दास को एसिडिटी की शिकायत हुई और उन्हें निगरानी के लिए चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। अब उनकी हालत ठीक है और अगले 2-3 घंटों में उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी। चिंता की कोई बात नहीं है। जहां तक बात करें सीने में दर्द की तो यह कई कारणों से हो सकता है। सिर्फ हार्ट अटैक के कारण ही सीने में दर्द नहीं करता है।

सीने में दर्द उठने पर अक्सर लोग पेट में गैस या हार्ट अटैक मान लेते हैं.,लेकिन ऐसा जरूरी नहीं क्योंकि छाती में दर्द 5 दूसरी बीमारियों के संकेत भी हो सकते हैं। ऐसे में दर्द होने पर सबसे पहले डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

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