बिजनेस
एयर इंडिया के विनिवेश को कैबिनेट की सैद्धांतिक मंजूरी
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि मंत्रिमंडल ने एयर इंडिया के विनिवेश को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। जेटली ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, “एयर इंडिया के विनिवेश को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है।”
जेटली ने कहा, “एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया की रूपरेखा तय करने के लिए वित्तमंत्री की अध्यक्षता में एक समूह गठित करने के नागरिक उड्डयन मंत्रालय के प्रस्ताव को भी स्वीकार कर लिया गया है।”
हालांकि जेटली ने इस समूह के गठन की या विनिवेश राशि तय करने के लिए गठित होने वाले समूह द्वारा अंतिम रिपोर्ट सौंपे जाने की कोई समयसीमा नहीं बताई। जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री इस समिति के सदस्यों पर फैसला लेंगे।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने 20 जून को कहा था कि सरकारी स्वामित्व वाली विमानन कंपनी, एयर इंडिया के भविष्य को लेकर नीति आयोग की सिफारिश केंद्रीय मंत्रिमंडल को भेज दी गई है, जो इस पर अंतिम फैसला लेगा।
सिन्हा ने तब कहा था कि एयर इंडिया के भविष्य के संबंध में अंतर मंत्रालयी परमार्श प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है और उसे मंत्रिमंडल को सौंप दिया गया है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट में नीति आयोग ने घाटे में चल रही एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश की सिफारिश की थी, जिसके जरिए एयर इंडिया पर से सरकार का नियंत्रण खत्म कर उसे निजी क्षेत्र को सौंपा जाना है।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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