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अन्तर्राष्ट्रीय

भारतीय सैनिक वापस बुलाने पर ही होगी सार्थक वार्ता : चीन

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चीन, मानसरोवर, कैलाश मानसरोवर, पीपुल्स लिबरेश आर्मी

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बीजिंग। चीन ने गुरुवार को कहा कि सीमा पर गतिरोध को लेकर ‘अर्थपूर्ण वार्ता’ तभी होगी जब भारतीय सैनिकों को ‘चीनी क्षेत्र’ से वापस बुला लिया जाएगा।

चीन के इस बयान का यही अर्थ निकलता है कि वह कैलाश मानसरोवर यात्रा की अनुमति तभी प्रदान करेगा, जब दोनों पक्ष डोंगलोग क्षेत्र में विवाद का निपटारा कर लेंगे। चीन ने डोंगलोंग को अपना क्षेत्र बताया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कहा, “हम भारतीय पक्ष से आग्रह करते हैं कि वह अपने सैनिकों को अपनी सीमा में वापस बुलाए।” उन्होंने कहा, “विवाद के निपटारे के लिए यही शर्त है और अर्थपूर्ण वार्ता शुरू करने का आधार भी।”

चीन ने डोकलाम या डोंगलोंग इलाके के जोंपलरी में एक भूटानी सैन्य शिविर की तरफ सड़क निर्माण पर भूटान के विरोध को दरकिनार करते हुए कहा कि यह चीनी क्षेत्र में हो रहा है तथा निर्माण न्यायोचित व वैध है।

उल्लेखनीय है कि डोंगलोंग तथा डोकलाम चीन तथा भूटान के बीच एक विवादित क्षेत्र है, जहां पीपुल्स लिबरेश आर्मी (पीएलए) तथा भारतीय सैनिकों के बीच झड़प हुई है।

उन्होंने कहा, “डोंगलोंग प्राचीन काल से ही चीन का हिस्सा है। यह निर्विवाद क्षेत्र है और इस संबंध में हमारे पास पर्याप्त कानूनी आधार हैं।” लु ने कहा, “और अपने क्षेत्र में सड़क निर्माण करना चीन की संप्रभु कार्रवाई है। यह पूरी तरह न्यायोचित तथा वैध है।”

अन्तर्राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात

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ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।

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