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दिल्ली में कंपोस्ट के 700 खुले गड्ढे बच्चों के लिए खतरनाक

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नई दिल्ली, 3 जुलाई (आईएएनएस)| करीब हफ्ते भर पहले पार्क में बने एक खाद बनाने वाले छह फीट (1.83 मीटर)के गड्ढे में एक 11 वर्षीय लड़के की मौत हो जाने के बाद भी शहर भर में करीब 700 खाद के गड्ढे खुले हुए है, जो बच्चों को शिकार बना सकते हैं।

उत्तर पश्चिम दिल्ली के जिला पार्क अवंतिका में बारिश के पानी से भरे खाद के गड्ढे में अब्दुल खालिद की गिरकर डूबने से 20 जून की शाम को मौत हो गई।

खालिद की मौत के बाद आईएएनएस ने पाया कि इस तरह के सात खाद वाले गड्ढे शहर के अलग-अलग हिस्सों में बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के मौजूद हैं। इनकी गहराई करीब 6 फीट है।

दिल्ली सरकार के अनुसार, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) व दिल्ली नगर निगम (एमसीडी)के तहत शहर के पार्को में करीब 700 खाद के गड्ढे हैं।

आईएएनएस ने पाया है कि ज्यादातर खाद के गड्ढे 6 फीट गहरे और तीन मीटर लंबे व दो मीटर चौड़े हैं।

वसंत विहार के पार्क ए-6 में सात साल का आर्यन अपने तीन दोस्तों के साथ क्रिकेट खेल रहा था और उसके पीछे एक खाद का गड्ढा था। इस पर कोई संकेतक , बाड़ या ढक्कन नहीं था। इसी तरह के एक गड्ढे में खालिद की बीते सप्ताह मंगलवार को मौत हुई थी।

खालिद भी पार्क में खेलने गया था।

आर्यन ने आईएएनएस संवाददाता से कहा, यह खाद का गड्ढा बीते एक महीने से ज्यादा समय से यहां है।

चूंकि यह गड्ढा तीन चौथाई भर गया था। इस वजह से उसी पार्क में एक दूसरा गड्ढा छह फीट गहरा खोदा गया था। लेकिन इस पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए थे।

स्थानीय निवासी उषा (74)ने आईएएनएस से कहा, यह गलत है वहां कोई सुरक्षा की व्यवस्था क्यों नहीं है। मैंने दो दिन पहले खबर में देखा था कि एक बच्चे की मौत हो गई। यदि यह कही हो सकता है तो यहां भी हो सकता है।

उषा ने कहा कि मेरा छह साल का पोता भी इसी पार्क में खेलने आता है।

आईएएनएस ने पांच और पार्को का दौरा किया। इसमें रोहिणी का जापानी पार्क, मयूर विहार फेज 3 में स्मृतिवन, वसंत विहार का ई ब्लाक पार्क, जिला पार्क अवंतिका व कोंडली जिला पार्क पूर्वी दिल्ली शामिल है। इन सभी पार्कों में खाद के गड्ढे खोदे गए हैं जो बच्चों के लिए असुरक्षित हैं।

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नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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