नेशनल
मप्र की सियासत का रंग बदलेगा नरोत्तम पर फैसला
भोपाल, 9 जुलाई (आईएएनएस)| कई बार सियासत का रंग एक फैसले से बदलने लगता है, लगभग यही हाल आने वाले दिनों में मध्यप्रदेश की सियासत का होने वाला है, क्योंकि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा ‘पेड न्यूज’ का दोषी ठहराते हुए संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को तीन वर्षो के लिए चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित किया गया है, लेकिन दो हफ्ते बाद भी मंत्री ने न पद छोड़ा है और न विधायकी से इस्तीफा दिया है।
फिलहाल यह मामला जबलपुर उच्च न्यायालय में लंबित है और सुनवाई 11 जुलाई को होना है। यह फैसला मिश्रा के साथ-साथ सरकार को राहत या आहत करने वाला हो सकता है।
शिवराज सरकार के सबसे ताकतवर मंत्रियों में से एक हैं मिश्रा। वे संसदीय कार्य के साथ जनसंपर्क और जल संसाधन मंत्री भी हैं। इतना ही नहीं, सरकार की छवि को सदन से लेकर बाहर तक बनाने की भूमिका निभाते हैं, मगर इन दिनों वे खुद उलझे हुए हैं और सरकार उनकी मदद करने की स्थिति में नहीं है।
मामला वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव से जुड़ा हुआ है, जिसमें उनके प्रतिद्वंद्वी राजेंद्र भारती ने चुनाव का सही ब्योरा न देने और पेड न्यूज (रकम देकर खबरें) छपवाने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की। यह मामला उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ, सर्वोच्च न्यायालय और फिर चुनाव आयेाग तक पहुंचा। वर्ष 2009 में दर्ज कराई गई शिकायत पर चुनाव आयोग का 23 जून को अर्थात लगभग आठ वर्ष बाद फैसला आया।
मिश्रा ने इस फैसले को चुनौती दी, उच्च न्यायालय की पीठ ग्वालियर में याचिका दायर की, स्थगन मांगा, मगर राहत नहीं मिली, वहीं मिश्रा के आवेदन पर इस पूरे प्रकरण को उच्च न्यायालय जबलपुर की प्रिंसिपल बेंच को स्थानांतरित कर दिया गया है, जिस पर सुनवाई 11 जुलाई को है।
वरिष्ठ पत्रकार भारत शर्मा का कहना है कि शुचिता की राजनीति करने वाली भाजपा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद मंत्री मिश्रा से इस्तीफा लेकर यह स्थापित करने का मौका था कि उनकी कथनी और करनी में फर्क नहीं है, मगर ऐसा होता नहीं दिख रहा है।
उन्होंने कहा, अगर उच्च न्यायालय से राहत भी मिल गई तो पार्टी को कोई लाभ नहीं होगा और अगर राहत नहीं मिली तो कांग्रेस को बैठे-बिठाए बड़ा मुद्दा हाथ लग जाएगा। वैसे तो कांग्रेस को दोनों स्थितियों में हमले का मौका मिलेगा।
जब से आयोग का फैसला आया है, तब से कांग्रेस मिश्रा का इस्तीफा मांग रही है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव का कहना है कि नैतिकता की बात करने वाली भाजपा का आचरण अनैतिक है। वह संवैधानिक संस्थाओं को लगातार कमजोर करने में लगी है, इसका उदाहरण चुनाव आयोग के फैसले के बावजूद मंत्री को पद से न हटाया जाना है। भाजपा और मुख्यमंत्री को चाहिए कि उच्च न्यायालय का फैसला आने से पहले ही मिश्रा को पद से हटा दें।
दूसरी ओर, मंत्री मिश्रा लगातार चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाते आए हैं, उनका कहना है कि चुनाव आयोग को अयोग्य घोषित करने का अधिकार ही नहीं है। उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। ग्वालियर खंडपीठ में सुनवाई के दौरान उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर स्थगन मांगा था, मगर ऐसा नहीं हो पाया। अब मामला उच्च न्यायालय जबलपुर की प्रिंसिपल बेंच में स्थानांतरित हो गया है, उन्हें भरोसा है कि राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें मतदान करने को जरूर मिलेगा।
फिलहाल, भाजपा संगठन से लेकर सरकार के मंत्री तक आयोग के फैसले पर ज्यादा कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं, सभी 11 जुलाई का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि चुनाव आयोग के फैसले पर पूर्व में न्यायालयों का रहा रुख संशय में डालने वाले हैं।
महाराष्ट्र के अशोक चव्हाण व उत्तर प्रदेश के उर्मिलेश यादव के मामले में निर्वाचन आयोग द्वारा अयोग्य ठहराए जाने पर उच्च न्यायालय से राहत नहीं मिली थी। फैसला कुछ भी आए, मगर इतना तो तय है कि भाजपा के लिए उच्च न्यायालय का फैसला नई मुसीबत खड़ी करने वाला होगा, क्योंकि अगले विधानसभा चुनाव को लगभग एक साल ही बचा है।
नेशनल
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।
स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,
एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ
कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी
डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।
On the move again, embarking on an exciting 4 nation book tour! 🇮🇳Looking forward to connecting with the vibrant Indian diaspora, celebrating India’s immense potential, and engaging in meaningful conversations. This journey is not just about a book; it’s about storytelling,… pic.twitter.com/dovNotUtOf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 20, 2024
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