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राष्ट्रपति ने राष्ट्र को समर्पित किया बीएमएल मुंजाल विश्वविद्यालय

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नई दिल्ली, 13 जुलाई (आईएएनएस)| राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बीएमएल मुंजाल विश्वविद्यालय को देश के सर्वश्रेष्ठ निजी विश्वविद्यालयों में से एक बताते हुए इसे राष्ट्र को समर्पित किया।

राष्ट्रपति ने विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान और व्यावहारिक प्रशिक्षण की दिशा में विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की। राष्ट्रपति ने बुधवार को इस मौके पर कहा, मुझे बीएमएल मुंजाल विश्वविद्यालय को राष्ट्र को समर्पित करने की खुशी है। आने वाले 10 वर्ष से भी कम समय में महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा हासिल करने वाले विद्यार्थियों की संख्या 14 करोड़ को पार कर जाएगी। विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक बनाने और उन्हें सामाजिक, आर्थिक जरूरतों के प्रति संवेदनशील बनाने का दायित्व उच्च शिक्षण संस्थानों पर है।

महान वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टीन को उद्धृत करते हुए मुखर्जी ने कहा, मैं अपने शिष्यों को कभी नहीं पढ़ाता, बल्कि मैं केवल ऐसी स्थितियां उपलब्ध कराने का प्रयास करता हूं जहां वे सीख सकें। बीएमएल मुंजाल विश्वविद्यालय सीखने का एक शानदार वातावरण उपलब्ध कराती है और जैसा कि कहा जाता है, मस्तिष्क जो ग्रहण करता है, उसी के हिसाब से विकास करता है।

हीरो समूह द्वारा स्थापित और लंदन के इंपीरियल कॉलेज के मार्गदर्शन में काम कर रही बीएमएल मुंजाल विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा यूजीसी अधिनियम, 1956 के अनुच्छेद 2(एफ) के तहत मान्यता प्रदान की गई है। इस विश्वविद्यालय ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के डीएसआईआर से वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान संगठन (एसआईआरओ) की भी मान्यता हासिल की है।

बीएमएल मुंजाल विश्वविद्याय के कुलाधिपति डॉक्टर एस. के. मुंजाल ने कहा, अनुसंधान, विकास और उपयोग आज के समय की जरूरतें हैं और ये चीजें बीएमएल मुंजाल विश्वविद्याय के अत्यधिक महत्वपूर्ण घटक और व्यवस्था हैं।

बीएमएल मुंजाल विश्वविद्यालय के चेयरमैन अक्षय मुंजाल ने कहा, भविष्य के विश्वविद्यालयों को राष्ट्र की वृद्धि एवं विकास के ऐसे स्तंभ बनने होंगे जो न केवल बुद्धिमान नागरिक पैदा करें, बल्कि जबरदस्त विवेकवान विद्यार्थी भी तैयार करें। हमारे विश्वविद्यालयों को सक्रिय रूप से सीखने और अनुसंधान वाले स्थलों के रूप में खुद को परिवर्तित करना होगा, जो नवप्रवर्तन और जबरदस्त विचारों के लिए एक लांच पैड के तौर पर कार्य कर सकें। हमने इसी दिशा में बीएमयू की स्थापना की है।

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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था

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मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।

कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।

बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।

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