प्रादेशिक
अब राष्ट्रपति चुनाव को लेकर शिवपाल-अखिलेश में ठनी
नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर एक बार फिर मुलायम परिवार में कलह मची है। मुलायम सिंह को अपना सबकुछ मानने वाले शिवपाल यादव ने एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन करने का ऐलान किया है। यही नहीं शिवपाल ने विधायकों से भी एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन करने की अपील की है। दूसरी ओर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दलों की उम्मीदवार पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के समर्थन का एलान कर चुके हैं।
इस दोहरे रुख के बाद स्पष्ट है कि अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल और सपा संस्थापक सांसद मुलायम सिंह यादव ‘पार्टी लाइन’ से हटकर भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) प्रत्याशी रामनाथ कोविंद के पक्ष में मतदान कर सकते हैं।
शिवपाल के वफादार कहे जाने वाले दीपक मिश्र ने कोविंद के खुले समर्थन का एलान करते हुए प्रधानमंत्री को उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने पर बधाई दी थी। हालांकि मिश्र किसी सदन के सदस्य नहीं हैं।
दो दिनी के वाराणसी दौरे पर आए शिवपाल सिंह यादव ने राष्ट्रपति चुनाव के बारे में कहा कि रामनाथ कोविंद इस पद के लिए मीरा कुमार से बेहतर उम्मीदवार हैं। बात एनडीए या फिर यूपीए की नहीं है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी का हर विधायक भले ही मीरा कुमार को अपना वोट दे, लेकिन मेरा वोट रामनाथ कोविंद को ही जाएगा। इस पद के लिए उनसे बेहतर कोई प्रत्याशी नहीं है।
मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल आगामी 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। नये राष्ट्रपति का चुनाव 17 जुलाई को होना है। मालूम हो कि पिछले साल सितंबर में अखिलेश को सपा के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाये जाने के बाद पार्टी में ‘शह और मात का खेल’ शुरू हो गया था।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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