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ऑफ़बीट

इस मां ने 12 साल से बच्‍चे को बना रखा था बंधक

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मनोरोग से पीड़ि‍त मां ने डरकर किया ऐसा

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मनोरोग से पीड़ि‍त मां ने डरकर किया ऐसा

अलीपुरद्वार। मनोरोग से पीड़ित एक मां ने अपने बेटे को 12 साल तक लोगों की नजरों से छिपाकर रखा। इस मां ने अनजाने डर के कारण ऐसा किया।

घटना अलीपुरद्वार की है। मां को हमेशा यह डर सताता था कि उसके बेटे को कोई मार डालेगा। यह डर महिला के मन में तब से काबिज हो गया, जब उसने अपने पिता और पति को कुछ ही महीनों के अंदर खो दिया था। वह किसी हालत में अपने बेटे को गंवाना नहीं चाहती थी।

चौबीसों घंटे राहुल एक जर्जर कमरे में कैद रहता था। एक युग तक कालकोठरी में कैदी की तरह जीवन बितानेवाले राहुल ने अपना दिमागी संतुलन खो दिया है। वह कुछ बोल भी नहीं पा रहा है। बिस्तर में पड़े रहते-रहते वह अपाहिज सा बन गया है। पूरे शरीर में खतरनाक संक्रमण फैल चुका है।

बीना खड़िया जिस घर में रहती है, वह घर दरअसल एक खंडहर जैसा है। यह जगह सांप, कीड़े-मकोड़ों, कुत्तों का सुरक्षित स्थल बन गई थी। डर से स्थानीय लोग उस घर के आसपास भी कदम नहीं रखते थे। पिछले 12 सालों से राहुल की सच्चाई से लोग अनजान थे।

स्थानीय लोगों के अनुसार, 12 साल पहले लोगों ने राहुल को आखिरी बार देखा था। इसके बाद से उसके बारे में जब भी उनलोगों ने राहुल की मां बीना से पूछा तो उसने पत्थर फेंककर उन्‍हें खदेड़ दिया। समय के साथ लोग उसे भूल गए और राहुल नाम का शख्स इस दुनिया से लापता हो गया।

अलीपुरद्वार के समाजसेवी रातुल विश्वास और उनके साथियों ने इस घटना का खुलासा किया। रातुल ने इस काम में पुलिस की सहायता लेते हुए उस नरक से राहुल और उसकी मां को बाहर निकाल लिया।

दोनों भुखमरी के चलते मौत के कगार पर हैं। दोनों को अलीपुरद्वार जिला अस्प्ताल में भर्ती कराया गया है। रातुल विश्वास ने बताया कि मां-बेटा दोनों समाज की मूलधारा में लौट आएं, यही वह चाहते हैं।

मां-बेटा दोनों को देखकर साफ पता चल रहा है कि ये लोग अरसे से भूखे हैं। शरीर की एक-एक हड्डी दिखाई दे  रही है। दोनों अधमरे हो चुके हैं। फटे गंदे कपड़े में इन लोगों को बरामद किया गया।

अलीपुरद्वार के पुलिस सुपर आभारू रवींद्रनाथ ने बताया कि घटना जानने क बाद वह स्तब्ध हैं। उन्होंने पूरे मामले की जांच-पड़ताल का आश्वासन दिया है।

उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से दोनों के इलाज का बंदोबस्त किया गया है। स्थानीय निवासी अलबर्ट ने बताया कि पड़ोसी होने के बावजूद उनलोगों को राहुल और उसकी मां के बारे में कुछ नहीं पता चला। उन्होंने समाजसेवियों के प्रति धन्यवाद जताया है।

राहुल जब नौ साल का था, तभी उसके पिता की मौत हो गई। बीना के पति की मौत के कुछ महीनों में उसके पिता की भी मौत हो गई। उसके बाद से बीना खड़िया मानसिक तनाव का शिकार हो गई। उनका एकमात्र बेटा राहुल तब नौ साल का होगा। तब वह राहुल अलीपुरद्वार के क्रिश्चियन मिशनरी स्कूल की 5वीं कक्षा में पढ़
रहा था।

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IND VS AUS: पर्थ में भारतीय गेंदबाजों का कहर, बैकफुट पर ऑस्ट्रेलिया, 67 रनों पर गंवाए 7 विकेट

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नई दिल्ली। पर्थ टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर धकेल दिया है। भारत के पहली पारी में 150 रनों के जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम सात विकेट खोकर 67 रन ही बना पाई है। ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत खराब रही थी। तीसरे ही ओवर में बुमराह ने नाथन मैकस्वीनी को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। वह 10 रन बना सके। इसके बाद बुमराह ने उस्मान ख्वाजा को कोहली के हाथों कैच कराया, फिर अगली ही गेंद पर स्टीव स्मिथ को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। ख्वाजा आठ रन और स्मिथ खाता नहीं खोल सके। ट्रेविस हेड को डेब्यू कर रहे तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने क्लीन बोल्ड किया। वह 11 रन बना सके। वहीं, मिचेल मार्श छह रन बनाकर मोहम्मद सिराज का शिकार बने। सिराज ने इसके बाद लाबुशेन को एल्बीडब्ल्यू किया। वह 52 गेंद में दो रन बना सके। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस को भारतीय कप्तान बुमराह ने पंत के हाथों कैच कराया। वह तीन रन बना सके। फिलहाल एलेक्स कैरी 19 रन और मिचेल स्टार्क छह रन बनाकर नाबाद हैं। बुमराह के अलावा मोहम्मद सिराज ने दो विकेट लिए, जबकि हर्षित राणा को एक विकेट मिला।

भारतीय पारी

पर्थ के मैदान पर टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम की एक बार फिर पोल खुल गई। 49.4 ओवर खेलकर ही भारत की पूरी टीम सिर्फ 150 रन बनाकर ढेर हो गई। टीम के छह बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सके। टीम इंडिया की शुरुआत ही बेहद खराब हुई। यशस्वी जायसवाल बिना खाता खोले ही मिचेल स्टार्क की गेंद पर पवेलियन लौट गए। देवदत्त पडिक्कल ने 23 गेंदों का सामना किया, लेकिन वो अपने नाम के आगे एक रन तक नहीं लिखवा सके। नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली से फैन्स को काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, विराट का किस्मत ने एक बार फिर साथ नहीं दिया और वह जोश हेजलवुड के हाथ से निकली बेहतरीन गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे। भोजनकाल से पहले 23वें ओवर में मिचेल स्टार्क ने के एल राहुल (26) को आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया।

लंच के बाद चार विकेट पर 51 रन के आगे खेलने उतरी भारतीय टीम दूसरे सेशन में 24.4 ओवर में मात्र 99 रन ही जोड़ पाई और बचे हुए बाकी विकेट गवां दिये। 59 के स्कोर पर भारतीय टीम को पांचवां झटका लगा। मिचेल मार्श ने ध्रुव जुरेल को मार्नस लाबुशेन के हाथों कैच आउट कराया। जुरेल 11 रन बनाकर आउट हुए।

इसके बाद वॉश‍िंगटन सुंदर मात्र चार रन बनाकर म‍िचेल मार्श की गेंद पर व‍िकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच थमा बैठे। भारत ने छह विकेट गिरने के बाद ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने ऋषभ पंत के साथ छठे विकेट के लिए 48 रन जोड़े। भारत को सातवां झटका ऋषभ पंत के रूप में लगा। वह 37 रन बनाकर पैट कम‍िंंस की गेंद पर दूसरी स्ल‍िप में खड़े स्टीव स्म‍िथ को कैच थमा बैठे।
इसके बाद हर्ष‍ित राणा मात्र 7 रन बनाकर जोश हेजलवुड की गेंद पर मार्नस लॉबुशेन को कैच थमा बैठे। भारत का नौवां विकेट जसप्रीत बुमराह के रूप में गिरा, जो जोश हेजलवुड की गेंद पर विकेटकीपर कैरी को कैच थमा बैठे। वहीं आखिरी विकेट नीतीश रेड्डी का गिरा। रेड्डी को पैट कमिंस ने उस्मान ख्वाजा के हाथों कैच आउट कराया।

 

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