Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

अगले सत्र में सुरक्षा परिषद में सुधार चाहता है यूएनजीए

Published

on

Loading

संयुक्त राष्ट्र, 22 जुलाई (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष निर्णय लेने की क्षमता वाली इकाई सुरक्षा परिषद को 21वीं सदी के अनुरूप गठित करने के लिए इसमें सुधार की कोशिशों को मुट्ठी भर देशों की हठधर्मिता के चलते बाधित करने और सुधार पर चर्चा करते हुए एक साल और बिताने के बाद संयुक्त राष्ट्र आम सभा (यूएनजीए) ने जोर दिया है कि अगले सत्र में सुरक्षा परिषद में सुधार हो।

हर वर्ष अदा की जाने वाली रस्म की तरह आम सभा ने बुधवार को फैसला किया कि अगले सत्र के मुख्य एजेंडा में सुरक्षा परिषद में सुधार ही होगा।

संयुक्त राष्ट्र आम सभा का अगला सत्र सितंबर में शुरू हो रहा है, जिसमें सुरक्षा परिषद सुधार पर अंतर-सरकारी बातचीत (आईजीएन) जारी रहेगी। इसके अलावा आगामी सत्र में सुरक्षा परिषद को बराबरी का प्रतिनिधित्व वाला बनाने और इसके प्रसार को लेकर ‘सीमा-मुक्त कार्य समूह’ का आयोजन भी किया जाएगा।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने आईजीएन के काम-काज की समीक्षा करते हुए आईएएनएस से कहा, इस साल हुई चर्चा-परिचर्चा कहीं अधिक संवादपरक और उत्पादक रही।

उन्होंने कहा, उन्होंने चर्चा के दौरान सभी पहलुओं पर बात की और आगामी सत्र में चर्चा को अगले चरण में ले जाने का आधार तैयार किया है।

हालांकि सुरक्षा परिषद में सुधार पर जोर दे रहे देशों के समूह एल 69 की एक प्रतिनिधि इंगा रोंडा किंग ने बुधवार को आक्षेप लगाते हुए कहा था कि मुट्ठी भर देशों की हठधर्मिता के चलते मुद्दे पर हकीकत में कुछ नहीं हो सका है, जबकि आम सभा इस मुद्दे पर 25 वर्षो से चर्चा कर रही है।

भारत भी इस समूह एल 69 का सदस्य है, जिसमें 42 देश शामिल हैं।

संयुक्त राष्ट्र में सैंट विंसेंट और ग्रेनाडाइंस की स्थायी प्रतिनिधि किंग ने कहा, हमने इस तरह की तथाकथित लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं देखी, जिसमें 85 फीसदी सदस्यों की सहमति के बावजूद एक संगठन किसी मुद्दे पर कोई वास्तविक कार्रवाई नहीं कर पा रहा।

उन्होंने यह भी कहा कि 160 देशों का मानना है कि इस मुद्दे पर चर्चा के इतने पहलू हैं कि इस पर लिखित चर्चा हो।

आम सभा की बैठक में एल 69 की प्रतिनिधि के तौर पर बोलते हुए किंग ने किसी देश या समूह विशेष का तो नाम नहीं लिया, लेकिन वह साफ तौर पर इटली के नेतृत्व वाले यूनाइटेड फॉर कंसेन्सस (यूएफसी) समूह का विरोध करती नजर आईं, जिसमें पाकिस्तान भी एक सदस्य है और जो सुरक्षा परिषद में सुधार प्रक्रिया को किसी भी तरह रोकना चाहता है।

आम सभा में बुधवार को भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान की ओर से बोलते हुए जर्मनी के स्थायी प्रतिनिधि हाराल्ड ब्रॉन ने निराश स्वर में कहा, हमने लिखित बातचीत के लिए अब तक तैयारी भी शुरू नहीं की है।

ब्रॉन ने कहा, यह संयुक्त राष्ट्र में अब तक न हो सकी चर्चाओं की शुरुआत की मानक संचालन प्रक्रिया है।

जी-4 समूह में आने वाले भारत, ब्राजील, जापान और जर्मनी के बीच संशोधित सुरक्षा परिषद में एकदूसरे की सदस्यता का समर्थन कर रहे हैं और सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

Continue Reading

नेशनल

महाराष्ट्र में बोले अमित शाह- शरद पवार की चार पुश्तें भी जम्मू-कश्मीर में धारा 370 वापस नहीं ला सकती

Published

on

Loading

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के सांगली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी, कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी गठबंधन पर जमकर हमला बोला। अमित शाह ने कहा, “मैं एमवीए वालों से पूछने आया हूं कि औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर होना चाहिए या नहीं?

अमित शाह ने आगे कहा, ”अभी-अभी जम्मू कश्मीर के असेंबली में मीटिंग हुई, नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ कांग्रेस पार्टी ने भी एक संकल्प किया कि धारा 370 वापस लाइए, कश्मीर जो है भारत का अभिन्न यंग नहीं है। मैं आज संभाजी महाराज की भूमि पर कह कर जा रहा हूं- शरद पवार साहब, चाहे आपकी चार पुश्ते भी आ जाएं, हम धारा 370 को वापस नहीं आने देंगे।”

अमित शाह यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने राम मंदिर का जिक्र करके कांग्रेस पार्टी पर हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी 75 साल से राम मंदिर को लटका रही थी। राहुल गांधी अयोध्या नहीं गए, उन्हें वोट बैंक से डर लगता है। हम बीजेपी वाले उस वोट बैंक से नहीं डरते हैं. हमने काशी विश्वनाथ का कॉरिडोर भी बनाया, सोमनाथ का मंदिर भी सोने का बन रहा है। उन्होंने आगे कहा कि यहां पर तुष्टिकरण की राजनीति चल रही है, इसे रोकने का एकमात्र रास्ता बीजेपी की सरकार है। महायुति की सरकार है।

 

Continue Reading

Trending