बिजनेस
मौद्रिक समिति में नामित सदस्य को 1.5 लाख रुपये प्रति बैठक
मुंबई, 23 जुलाई (आईएएनएस)| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) में सरकार द्वारा नामित सदस्य को समिति की प्रत्येक बैठक के लिए 1.5 लाख रुपये, हवाई जहाज का किराया समेत अन्य सुविधाएं दी जाएंगी।
आरबीआई द्वारा लिए गए एक फैसले में यह जानकारी दी गई। पिछले साल छह सदस्यीय एमपीसी का गठन किया गया, जिसमें से तीन सदस्यों को सरकार की तरफ से नामित किया था तथा गर्वनर समेत बाकी सदस्य आरबीआई की तरफ से थे।
एमपीसी के कामकाज पर आरबीआई के नवीनतम नियमों के मुताबिक, केंद्र सरकार द्वारा नामित प्रत्येक सदस्य को अपना समय देने तथा काम करने के लिए प्रत्येक बैठक के लिए 1,50,000 रुपये, हवाई यात्रा और स्थानीय यात्रा का किराया, रहने-खाने की सुविधा समेत अन्य सुविधाएं दी जाएंगी और केंद्रीय बोर्ड द्वारा समय-समय पर इसमें बदलाव किया जाएगा।
नियमों में कहा गया है, एमपीसी के सदस्यों को बैठक से सात दिन पहले और सात दिन बाद तक मौद्रिक नीति के बारे में कोई बयान नहीं देने की आवश्यकता होगी।
आरबीआई ने कहा, इसके अलावा, सदस्य मौद्रिक नीति पर चर्चा के दौरान उपयोग की जाने वाली किसी गोपनीय जानकारी को समिति के बाहर प्रकट नहीं कर सकते हैं।
एमपीसी में सरकार की तरफ से नामित सदस्यों में भारतीय सांख्यिकी संस्थान के प्रोफेसर चेन घाटे, दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स के निदेशक पामी दुआ और भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद के प्रोफेसर रविंद्र एच. ढोलकिया शामिल हैं।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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