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बिजनेस

वीडियोकॉन एज की नजर 12 फीसदी बाजार हिस्सेदारी पर

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नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)| वीडियोकॉन की स्मार्ट सॉल्यूशंस एवं एंटरप्राइज कम्युनिकेशन इकाई वीडियोकॉन एज ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 195 करोड़ रुपये के कारोबारी लक्ष्य के साथ कुल एंटरप्राइज कम्युनिकेशन बाजार की करीब 12 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य रखा है। कंपनी ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी। इसमें बताया गया कि एंटरप्राइज कम्युनिकेशन खंड में ए2पी (एप्लीकेशन टु पर्सन) एसएमएस, ओबीडी-आईवीआर (आउटबाउंड डायलर-इंटरऐक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स) और अन्य क्लाउड आधारित समाधान प्रमुख हैं जिनमें मिस्ड कॉल और शॉट/लांग कोड सॉल्यूशंस शामिल हैं।

बीएफएसआई (बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं एवं बीमा), ई-कॉमर्स, रिटेल, मीडिया एवं मनोरंजन, पर्यटन, वेलनेस, शैक्षणिक एवं सरकारी क्षेत्र द्वारा अपने ग्राहकों के लिए लेन-देन एवं प्रचार प्रसार के संदेशों के लिए इनका व्यापक इस्तेमाल किया जाता है।

वीडियोकॉन टेलीकॉम एंड स्मार्टफोन्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री बाली ने कहा, एंटरप्राइज कम्युनिकेशन सॉल्यूशंस इकाई ने पिछले साल बहुत बढ़िया काम किया और कई एंटरप्राइज एवं सरकारी क्षेत्र के ग्राहक बनाए। एंटरप्राइज कम्युनिकेशन सॉल्यूशंस का बाजार करीब 1600 करोड़ रुपये का है और हम इस वित्त वर्ष में 12 फीसदी बाजार हिस्सेदारी यानी 195 करोड़ रुपये का कारोबारी लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

उन्होंने बताया कि एंटरप्राइज कम्युनिकेशन बाजार पर ए2पी एसएमएस का दबदबा है। टेक्नोलॉजी के 2जी से 3जी और फिर 4जी में जाने के बावजूद मोबाइल टेलीफोनी के क्षेत्र में यह पुराना टूल अब भी प्रभावी है। एक समय पी2पी (एक साथी से दूसरे साथी को) के लिए सबसे महत्वपूर्ण रहने वाला एसएमएस अब नयी भूमिका ए2पी (एप्लीकेशन टु पर्सन) मैसेजिंग में आ गया है। जहां यूजर्स को बेहतर अनुभव प्रदान करने वाले एप्लीकेशंस की अगुवाई के चलते पी2पी मैसेजिंग में गिरावट आई है, इस वैश्विक सेवा का नए ढंग से इस्तेमाल बढ़ा है। ए2पी एसएमएस बाजार इस साल 180 अरब एसएमएस से अधिक का रहने का अनुमान है जोकि पिछले साल की तुलना में 6 फीसदी अधिक है।

श्री बाली ने कहा, यह बाजार अगले कुछ वषर्ो ंमें दोगुना बढ़ने की संभावना है। 1.1 अरब मोबाइल उपभोक्ताओं के साथ भारत में मौजूदा ए2पी एसएमएस बाजार का आकार करीब 180 अरब सालाना का है जिसमें प्रति माह प्रति मोबाइल उपभोक्ता 13.5 ए2पी एसएमएस बैठता है। दिलचस्प बात यह है कि यह शेष दुनिया के औसत ए2पी एसएमएस उपभोग का केवल करीब एक चौथाई है जोकि प्रति उपभोक्ता प्रति माह 53 ए2पी एसएमएस है। इसलिए, इस कारोबार के लिए भारी संभावनाएं हैं।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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