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तेजस्वी ने चलाए तीखे तीर, बोले-नीतीश बताएं कितनी बार जगती-सोती है आत्मा

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पटना। बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद सरकार से बाहर हो चुकी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) लगातार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साध रही है। इस कड़ी में राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने यहां बुधवार को नीतीश कुमार के इस्तीफा को अंतरात्मा की आवाज बताए जाने पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी अंतरात्मा नहीं जगती, बल्कि उनकी ‘मोदी आत्मा’, ‘कुर्सी आत्मा’ और ‘लालच आत्मा’ जगती है।

पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में तेजस्वी ने कहा, “मेरे ऊपर जो केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई वह एक साजिश के तहत दर्ज कराई गई थी। यह बस एक बहाना था। नीतीश कुमार काफी पहले से भाजपा के साथ जाने का बहाना खोज रहे थे और सीबीआई को एक बहाना मिल गया।”

तेजस्वी ने पनामा पेपर्स घोटाले और व्यापमं घोटाले की चर्चा करते हुए सवालिया लहजे में कहा कि पनामा पेपर्स घोटाले में जिनका नाम है, क्या उनको भाजपा से हटाया जाएगा, क्या व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआइ करेगी?

एक सर्वे का हवाला देते हुए तेजस्वी ने कहा, “आज बिहार मंत्रिमंडल में 75 प्रतिशत मंत्री दागी हैं। नीतीश कुमार नैतिकता और सिद्धांत की बात करते हैं तो अब नैतिकता और सिद्धांत कहां गया? मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सहित करीब 75 प्रतिशत लोगों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।”

उन्होंने कहा कि आज केंद्र और राज्य दोनों जगह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार है। ऐसे में तो उन्हें यह कानून बना देना चाहिए कि जिसके ऊपर भी प्राथमिकी दर्ज हो, वह किसी पद पर नहीं रहेगा।

तेजस्वी ने नीतीश पर विकास के नाम पर ढोंग करने का आरोप लगाते हुए कहा, “बिहार में पिछले चार साल में चार सरकारें बदली, परंतु सभी सरकारों के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही रहे। ऐसे में सरकारों को अस्थिर करने और विकास की गति रोकने के लिए कौन दोषी हैं, यह नीतीश कुमार को बताना चाहिए।”

उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “इस दौरान उनकी आत्मा चार बार जगी। यह किसी को पता नहीं चलता कि उनकी आत्मा कितनी बार जगती और कितनी बार सोती है।”

नीतीश कुमार पर नकारात्मक राजनीति करने का आरोप लगाते हुए तेजस्वी ने कहा कि उन्होंने सत्ता के लिए जनादेश का अपमान किया है। अगले चुनाव में यहां की जनता इसका जवाब देगी।

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मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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