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नेशनल

मोदी ने पाकिस्तान मूल की मुंहबोली बहन से बंधवाई राखी

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नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएएनएस)| पाकिस्तानी से 35 साल पहले आकर भारत में बस चुकीं कमर मोहसिन शेख बीते 23 वर्षो से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राखी बांधती रही हैं और इस साल भी तमाम व्यस्तताओं से समय निकालकर जब मोदी ने उनसे राखी बंधवाई तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

शेख का कहना है कि वह आज जो कुछ हैं, मोदी की वजह से हैं।

अहमदाबाद में रह रहीं शेख सोमवार को दिल्ली पहुंचीं और प्रधानमंत्री मोदी को राखी बांधी। उनका कहना है कि वह बीते 23 वर्षो से मोदी को इसी तरह राखी बांधती आ रही हैं।

विवाह के बाद पाकिस्तान से भारत आकर बस गईं शेख ने राजधानी दिल्ली में एक समाचार चैनल से कहा, मैं पिछले 23 साल से नरेंद्र भाई को राखी बांधती आ रही हूं। मैं बेहद रोमांचित हूं कि इस बार भी उन्हें राखी बांध पाई।

लेकिन इस साल उनके लिए रक्षाबंधन इसलिए खास रहा, क्योंकि वह सोच रही थीं कि अति व्यस्तता के चलते प्रधानमंत्री मोदी शायद इस बार उनसे राखी न बंधवा पाएं।

शेख ने बताया, लेकिन दो दिन पहले जब मुझे फोन आया और मैं हैरान रह गई। यह जानकर मुझे बेहद खुशी हुई और मैंने रक्षाबंधन की तैयारियां शुरू कर दीं।

उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन की शुभकामना देने आए हर व्यक्ति और राखी बांधने आई हर महिला को मोदी कुछ सेकेंड का ही समय दे रहे थे, लेकिन ‘मुझे हैरानी हुई और बेहद खुशी हुई कि उन्होंने मेरे साथ ज्यादा समय बिताया।’

शेख ने कहा, मैंने उनसे कहा कि आज मैं जो कुछ हूं, आपकी वजह से हूं। उन्होंने मेरे सिर पर हाथ रखकर मुझे आशीर्वाद दिया। उन्होंने मुझसे मेरे बेटे सुफियान और मेरे पति शेख का हाल चाल पूछा। मैं खुद को दुनिया की सबसे भाग्यशाली और खुशनसीब व्यक्ति महसूस कर रही हूं।

शेख ने बताया कि वह तब से मोदी को राखी बांधती आ रही हैं, जब वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता थे।

उन्होंने कहा, मैंने जब पहली बार नरेंद्र भाई को राखी बांधी थी, तब वह एक कार्यकर्ता थे, लेकिन अपनी कड़ी मेहनत और दूरदृष्टि के बल पर वह प्रधानमंत्री बने। हमारा रिश्ता आज 23 साल का हो गया। मैं प्रधानमंत्री मोदी की बहन बनकर गर्व महसूस कर रही हूं।

शेख ने बताया कि जब वह अपने भारतीय पति से विवाह कर भारत आईं तब वह डरी हुई थीं। उन्होंने आगे कहा, लेकिन नरेंद्र भाई जैसा भाई पाकर जीवन सहज होता चला गया। उन्होंने मुझे कभी यह महसूस नहीं होने दिया कि मेरा कोई भाई नहीं है।

उनसे जब पूछा गया कि वह रक्षाबंधन पर मोदी से उपहार में क्या मांगना चाहेंगी तो उन्होंने कहा, मुझे सिर्फ उनका आशीर्वाद चाहिए। मेरे लिए उनका आशीर्वाद सबसे बढ़कर है। उनका आशीर्वाद मेरे साथ है और इसीलिए आज मैं यहां हूं। मैं उन्हें हमेशा याद रखूंगी। मेरी हर सफलता के पीछे उनका हाथ है।

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उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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