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प्रादेशिक

बेग ने पाकिस्तानी शरणार्थियों का उठाया मुद्दा

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जम्मू | पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के वरिष्ठ नेता मुजफ्फर हुसैन बेग ने रविवार रात पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मुफ्ती मुहम्मद सईद को लिखी चिट्ठी में जम्मू एवं कश्मीर में रह रहे पाकिस्तानी शरणार्थियों को नागरिकता दिए जाने का मुद्दा उठाया। यह पत्र मीडिया में भी जारी किया गया है। पांच पृष्ठ की चिट्ठी में बेग ने कहा कि पाकिस्तानी शरणार्थियों के लिए स्थायी निवास मानवाधिकार से संबंधित मुद्दा है, न कि राजनीतिक, जैसा कि इसे दिखाया जा रहा है।

वर्ष 2005 में पीडीपी-कांग्रेस गठबंधन सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे बेग उत्तरी कश्मीर के बारामूला लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी शरणार्थी 1947, 1965 और 1961 के भारत-पाक संघर्ष दौरान जम्मू के इलाके में आए हैं। उन्होंने कहा कि वे लोकसभा चुनाव में भारतीय नागरिक की हैसियत से वोट देते हैं और उन्हें विधानसभा चुनाव में भी वोट देने तथा जम्मू एवं कश्मीर में स्थायी रूप से रहने के अधिकार दिलाने पर मानवीय मुद्दे के रूप में विचार किया जाना चाहिए। बेग ने कहा कि पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और उनके पिता मुफ्ती मुहम्मद सईद ही दो ऐसे लोग हैं कि जो पार्टी के अंदर महत्वपूर्ण फैसले लेते हैं, उन्हें यह करना चाहिए कि भाजपा के साथ गठबंधन राज्य की जनता के लिए लाभदायी रहेगा या नहीं। उन्होंने कहा, “ऐसी व्यवस्था सिर्फ राज्य में सत्ता हासिल करने के लिए नहीं होनी चाहिए।” चर्चा के दौरान उन्होंने दोहराया कि पीडीपी जो भी फैसला लेती है, विपक्षी उसका विरोध करते हैं, लेकिन वे पीडीपी को ऐसे मामालों में फैसला लेने से नहीं रोक सकते, जो यहां रहने वालों की भलाई में हो। उन्होंने कहा, “अगर कोई और गठबंधन संभव हो, पीडीपी को इसके साथ आगे आना चाहिए। मैंने मुफ्ती साहब को पत्र लिख कर अनुरोध किया है कि अगर उन्हें मेरी मंशा पर संदेह है तो वह लोकसभा अध्यक्ष को मेरा इस्तीफा सौंप सकते हैं।” बेग ने कहा, “ऐसी अफवाह है कि मैं निजी लाभ के लिए भाजपा-पीडीपी गठबंधन का दबाव बना रहा हूं।” पीडीपी पाकिस्तानी शरणार्थियों को नागरिकता देने के अधिकार का विरोध करता रहा है, क्योंकि इसका मानना है कि वे अक्टूबर 1947 में जम्मू एवं कश्मीर रियासत के भारत में शामिल किए जाने से पहले इसके मूल निवासी नहीं थे। इधर, पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता नईम अख्तर ने बताया कि पत्र में बेग के निजी विचार हैं और यह इस मुद्दे पर पार्टी की विचारधारा को पेश नहीं करता।

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सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी के जरिए पति-पत्नी ने ठगे 25 लाख रुपए, लड़की बनकर करते थे बात

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हरियाणा। हरियाणा के यमुनानगर में फर्जी आईडी के जरिए ठगी का मामला सामने आया है। कॉल सेंटर में काम करने वाली एक महिला और उसके पति ने फर्जी आईडी बनाकर एक युवक से 25 लाख रुपए की ठगी कर ली। हालांकि यह सिलसिला अभी और चलता लेकिन शक होते ही पीड़ित युवक ने साइबर थाने में केस दर्ज करा दिया. पुलिस ने महिला और उसके पति को गिरफ्तार कर लिया है. दंपती लड़कियों के नाम से फर्जी आईडी बनाकर कई लोगों को चपत लगा चुके हैं. फिलहाल पुलिस ने दंपती को कोर्ट से तीन दिन की डिमांड पर लिया है. पूछताछ में और भी खुलासे हो सकते हैं.

विगो एप पर बनाई थी फर्जी आईडी

आरोपी पति-पत्नी ने विगो एप पर कई फर्जी आईडी बना रखी थीं, जिसमें एक आईडी शिवानी के नाम पर और उसकी प्रोफाइल के अनुसार वह गूगल में काम करती थी और यूएसए कैलिफोर्निया में रहती थी। वहीं दूसरी आईडी रेड क्वीन के नाम से थी, तीसरी आईडी जिया के नाम पर और इन आईडी को दोनों ही पति-पत्नी चला रहे थे। पत्नी परमिंदर कौर दिल्ली के एक कॉल सेंटर पर पहले काम करती थी और गुरप्रीत से शादी होने के बाद वह यमुनानगर में आ गई। यहां आने पर दोनों पति-पत्नी सोशल मीडिया के जरिए लोगों को ठगने का काम कर रहे थे।

यमुनानगर की साइबर पुलिस की गिरफ्त में आए पति-पत्नी दोनों ही फर्जी आईडी बनाकर कई लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना चुके हैं। हालांकि, बिहार के एक युवक ने 25 लाख लुटाने के बाद इनकी शिकायत की और पति-पत्नी का धंधा चौपट हो गया।

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