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बिजनेस

बेहाल हुई इकोनॉमी, निगेटिव हुआ देश की फैक्ट्रियों का आउटपुट

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नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद सुस्ती से जूझ रही देश की इकोनॉमी का खराब प्रदर्शन जून में भी जारी रहा। शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार जून में औद्योगिक उत्पादन (इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन) ग्रोथ 1.7 फीसदी से घटकर -0.1 फीसदी रही है।

बता दें कि आईआईपी वैसा इंडेक्स होता है, जिसकी मदद से माइनिंग, इलेक्ट्रिसिटी और मैन्युफैक्चरिंग समेत अर्थव्यवस्था के अन्य अहम सेक्टर के ग्रोथ का आकलन किया जाता है।

साल 2017 के जून महीने के दौरान इंडस्ट्री की ग्रोथ में गिरावट देखने को मिली है। मासिक आधार पर जून महीने के दौरान आईआईपी ग्रोथ 1.7 फीसद से घटकर -0.1 फीसद रही है। मासिक आधार पर जून में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 1.2 फीसद से घटकर -0.4 फीसद रही है। वही माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ में भी गिरावट हुई है और यह मई के -0.9 फीसद के मुकाबले 0.4 फीसद हो गई है।

अप्रैल-जून तिमाही में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि घटकर 2 फीसदी रह गई जो कि पिछले साल समान तिमाही में 7.1 फीसदी रही थी। गौरतलब है कि मई के आर्थिक आंकड़ों में भी आईआईपी के आंकड़े बेहद कमजोर रहे। मई में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन(आईआईपी) के आंकड़े अप्रैल के 3.1 फीसदी के स्तर से गिरकर मई में महज 1.7 फीसदी थे।

जानकारों के अनुसार वस्तु और सेवा कर के लागू होने, अहम क्षेत्रों में वृद्धि दर कम रहने, नोटबंदी का असर अभी भी खत्म न होने और आधार अवधि का प्रभाव उच्च रहने के चलते जून में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) का प्रदर्शन खराब रहा है।

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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