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नेशनल

तबादलों की सिफारिशेंसुनकर 20 फीसदी बाल झड़ गए : मप्र के मंत्री

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भोपाल,13 अगस्त (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी के उच्च शिक्षामंत्री जयभान सिंह पवैया ने तबादलों को लेकर पड़ने वाले दवाब का जिक्र अपने ही अंदाज में किया।

उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों के प्राध्यापकों व प्राचार्यो के तबादलों को लेकर इतने संदेश आए कि उनके सिर के 20 प्रतिशत से ज्यादा बाल झड़ गए। भाजपा के प्रदेश कार्यालय में रविवार को भाजपा ग्रंथालय प्रकल्प एवं मध्यप्रदेश पुस्तकालय संघ द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में पवैया ने महाविद्यालयों के प्राध्यापकों व प्राचार्यो पर भी जमकर तंज कसे, साथ ही उनके वेतनमान का भी हवाला दिया।

उन्होंने कहा कि अगर किसी का तबादला मंडीदीप (भोपाल से 20 किमी दूर) हो जाता है तो वह उसे कालापानी मानता है। प्रधानमंत्री को छोड़कर कोई भी ऐसा जिम्मेदार नेता न होगा, जिसकी सिफारिश तबादले को लेकर न आई हो।

पवैया ने आगे कहा कि भारत की पुरातन संस्कृति विश्वपटल पर ज्ञान का भंडार है और यही हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, जो पुस्तकों के रूप में संग्रहित है। उसे भावी पीढ़ी को सौंपना हमारा दायित्व है, जिसमें पुस्तकालयों की भूमिका महत्वपूर्ण है।

संगोष्ठी को राष्ट्रीय एकता परिषद के उपाध्यक्ष रमेश शर्मा, विशेष अतिथि स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा़ॅ अजय तिवारी ने भी संबोधित किया।

समापन सत्र को तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास, स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री दीपक जोशी, भोज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो़ आऱ आऱ कानेरे ने संबोधित करते हुए इस प्रकार की संगोष्ठी की जरूरत पर जोर दिया।

भाजपा ग्रंथालय प्रकल्प के संयोजक डॉ़ डी़ क़े जैन ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एकमात्र ऐसा राजनीतिक दल है जो ग्रंथालय के विकास के माध्यम से भावी पीढ़ी के निर्माण में योगदान दे रहा है।

इस संगोष्ठी में पुस्तकालय विज्ञान के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाली 12 विभूतियों को सम्मानित किया गया। देशभर के विभिन्न प्रांतों से पुस्तकालय विज्ञान से जुड़े 350 से अधिक ग्रंथपाल एवं प्रतिनिधि शामिल हुए।

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उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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