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नेशनल

बिहार : उपमुख्यमंत्री के काफिले पर हमला करने के आरोप में 6 गिरफ्तार

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पटना, 16 अगस्त (आईएएनएस)| बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (सुमो) के काफिले पर मंगलवार शाम वैशाली जिले के राजापाकर थाना क्षेत्र में पथराव करने के आरोप में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के छह संदिग्ध कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। वैशाली के पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने बुधवार को बताया कि उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के काफिले पर पथराव करने के आरोप में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने बताया कि राजापाकर के एक सहायक निरीक्षक (एसआई) के बयान पर उपमुख्यमंत्री के काफिले पर हमला करने के आरोप में मंगलवार रात एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, जिसमें नौ लोगों को नामजद किया गया है और 100 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है।

उन्होंने बताया कि छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।

उल्लेखनीय है कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक, सुमो मंगलवार शाम भाजपा के पूर्व विधायक अच्युतानंद सिंह की मां के श्राद्ध कार्यक्रम में भाग लेने जंदाहा जा रहे थे, तभी कालापहाड़ गांव के समीप उनके काफिले पर पथराव किया गया। इस पथराव में उपमुख्यमंत्री को चोट नहीं लगी थी, लेकिन उनकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई थी।

गौरतलब है कि कुछ ही समय पहले इस क्षेत्र से पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव का काफिला गुजरा था और राजद कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया था।

मोदी ने बुधवार को स्पष्ट किया कि राजद के कई कार्यकर्ता उनके खिलाफ नारे लगाते हुए उनके वाहन को घेर लिया और पथराव शुरू कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि कई कार्यकर्ताओं ने उनके वाहन में भी घुसने का प्रयास किया।

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने इस घटना की निंदा करते हुए इसमें राजद कार्यकर्ताओं का हाथ होने से साफ इंकार किया है।

उन्होंने कहा कि यह राजद को बदनाम करने की साजिश है। इधर, राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने भी इस घटना में राजद कार्यकर्ताओं के हाथ होने से इंकार किया है।

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उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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