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प्रादेशिक

आजम पर टिप्पणी करना मेरी गरिमा के अनुकूल नहीं : रामनाइक

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-हरदोई में केंद्रीय विद्यालय का शिलान्यास न कर पाने से आहत दिखे राज्यपाल

मनोज तिवारी

हरदोई। जिले के एक डिग्री कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे यूपी के राज्यपाल रामनाइक ने कहा की प्रदेश ही नहीं देश भी शिक्षा के मामले में पिछड़ा है। यदि हम अपना गौरवशाली इतिहास देखें तो नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालयों में अनेक देशों से छात्र पढ़ने के लिए आते थे। हमें अपने गौरवशाली इतिहास को भूलना नहीं चाहिए बल्कि इस पर गर्व करते हुए वर्तमान को समझते हुए आगे बढ़ते रहना चाहिए। कैबिनेट मंत्री आजम खां द्वारा उनके ऊपर दिये जा रहे बयानों पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह आजम के ऊपर टिप्पणी करना अपनी गरिमा के अनुकूल नहीं समझते। उन्होंने यह जरूर कहा कि समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अपने कैबिनेट मंत्री की बातों को जरूर संज्ञान में लेना चाहिए।

राज्यपाल रामनाइक को मंगलवार को हरदोई के सीएसएन पीजी कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में नई तकनीकी शिक्षा के साथ नए पाठ्यक्रम को भी बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज देश का शिक्षित युवा अमेरिका जैसे देश में आईटी, चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में अपना झंडा बुलंद कर रहा है। उसे देखकर कहा जा सकता है कि देश मे प्रतिभाओं की कमी नहीं है। बस जरूरत है, प्रतिभा को निखारने का मौका दिया जाए।

दूसरी ओर गांधी मैदान में भाजपा सांसद अंशुल वर्मा द्वारा आयोजित विकास कार्यों के शिलान्यास के मौके पर उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों का दायित्व है कि वह जनता के विश्वास पर खरा उतरें। उनके कार्यों को करते हुए क्षेत्र का विकास और उसको जनता के सामने प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि विकास के कार्यों मे विवाद न हो। जहां विवाद हुआ वहीं विकास कार्य प्रभावित होता है। उनका इशारा हरदोई के केंद्रीय विद्यालय का शिलान्यास न कर पाने को लेकर था। जिसकी पीड़ा को उन्होंने जनता के सामने भी रखा और कहा कि वह पुनः केंद्रीय विद्यालय का कार्य पूर्ण होने पर शिलान्यास करने जरूर आएंगे। राज्यपाल कार्यक्रमों के समापन के बाद जिले की पुलिस लाइन
में भी पत्रकारों से रुबरू हुए।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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