बिजनेस
बाढ़ के कारण पूर्वोत्तर के लिए रेल सेवाएं 11वें दिन भी ठप
अगरतला/गुवाहाटी, 22 अगस्त (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल और बिहार में आई भीषण बाढ़ के चलते पूर्वोत्तर को देश के शेष हिस्से से जोड़ने वाला रेलमार्ग लगातार 11वें दिन मंगलावर को भी बंद रहा, जिसके चलते पूर्वोत्तर में मूलभूत जरूरतों की चीजों की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि पूर्वोत्तर के राज्यों के अलावा पश्चिम बंगाल में सात जिलों और बिहार में पांच जिलों में सेवा देने वाला पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) रेल सेवाएं फिर से शुरू करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहा है।
एनएफआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी प्रणव ज्योति शर्मा ने कहा, असम, उत्तरी बंगाल और उत्तरी बिहार में आई भीषण बाढ़ के चलते पूर्वोत्तर को देश के शेष हिस्से से जोड़ने वाला रेलमार्ग 12 अगस्त से ही बंद पड़ा है।
देश के अन्य हिस्सों से पूर्वोत्तर के लिए जाने वाली सभी रेलगाड़ियां उत्तरी बंगाल के जलपाईगुड़ी स्टेशन और बिहार के कटिहार स्टेशन से होकर गुजरती हैं।
रेलवे अधिकारी ने बताया कि बिहार के किशनगंज, कटिहार और अररिया जिलों में रेल नेटवर्क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है।
शर्मा ने कहा, इंजीनियरों द्वारा व्यक्त अनुमान के मुताबिक, 28 अगस्त से पहले रेल नेटवर्क को पूरी तरह शुरू नहीं किया जा सकता।
एनएफआर के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि रेलगाड़ियों के रद्द होने और उसके चलते टिकटों की वापसी से रेलवे को अब तक 550 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
अधिकारी ने पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर बताया, अब तक इसका अनुमान तो नहीं लगाया गया है, लेकिन एनएफआर को बाढ़ के कारण रेल संपत्तियों को पहुंची क्षति के कारण 500 से 600 करोड़ रुपये का और नुकसान हो सकता है।
असम के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अधिकारी ने एनएफआर के साथ कई बैठकें कीं और खाद्यान्न, मूलभूत जरूरत के सामान एवं दूसरी महत्वपूर्ण वस्तुओं के परिवहन के विकल्पों पर विचार-विमर्श किया।
त्रिपुरा के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री भानूलाल साहा ने कहा कि वह देश के शेष हिस्सों से त्रिपुरा में जरूरी वस्तुएं लाने के लिए एनएफआर से संपर्क बनाए हुए हैं।
प्रादेशिक
एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन
मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।
शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।
उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।
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