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केंद्रीय विश्वविद्यालय करें शैक्षणिक परिवर्तन का नेतृत्व : प्रणब

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नई दिल्ली | राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को कहा कि देश की उच्च शिक्षा प्रणाली में बदलाव के नेतृत्व की जिम्मेदारी केंद्रीय विश्वविद्यालयों पर है। राष्ट्रपति भवन में केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “उभरते वैश्विक रुझान की पहचान जरूरी है, जिससे दुनियाभर में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन आने की संभावना है।”

कार्यभार ग्रहण करने के बाद राष्ट्रपति द्वारा बुलाया गया यह तीसरा सम्मेलन है। सम्मेलन में 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी भी मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि देश की उच्च शिक्षा प्रणाली से परीक्षा पास करने वाले छात्रों को दुनिया में उम्दा प्रदर्शन करना होगा। युवाओं के मस्तिष्क को प्रतिस्पर्धात्मक बनाने और उनमें अपने पठन-पाठन को लेकर गर्व की भावना विकसित करने की जरूरत है। राष्ट्रपति ने कहा, अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग के अलावा, विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय रैंकिंग फ्रेमवर्क में आने का भी प्रयास करना चाहिए, जिसे शीघ्र विकसित किए जाने की जरूरत है। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी की चर्चा करते हुए प्रणब ने कहा कि शिक्षकों की चयन समिति में आगंतुक उम्मीदवारों की अनुपलब्धता को पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा, रिक्तियों की प्रतिशतता की बात करें, तो 31 मार्च, 2013 में यह 37.3 फीसदी थी, जबकि एक दिसंबर, 2014 को 38.4 फीसदी हो गई। केवल चार विश्वविद्यालयों में ही ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ की स्थापना की गई है, जबकि पांच अन्य इस दिशा में काम कर रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहा,हमारी सभ्यता देशभक्ति, बहुलवाद, सहिष्णुता, ईमानदारी तथा अनुशासन से परिपूर्ण है। हमारा लोकतंत्र इन्हीं मूल्यों पर आधारित है। प्रणब ने कहा, विशेषकर पढ़ने की आदत तथा किताबों से सीखने की प्रक्रिया को छात्रों के मस्तिष्क में बिठा देना चाहिए ताकि उनका जिज्ञासु व ऊर्जावान मन और अधिक पैना हो सके।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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