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सुरक्षाबलों को जरूरत पड़ने पर बल प्रयोग की मंजूरी दें : उच्च न्यायालय

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चंडीगढ़, 25 अगस्त (आईएएनएस)| पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को हरियाणा सरकार से कहा कि वह डेरा प्रमुख मामले में फैसले के बाद जरूरत पड़ने पर सुरक्षाबलों को बलप्रयोग करने की मंजूरी दें। डेरा प्रमुख दुष्कर्म मामले में फैसले से पहले उनके हजारों की संख्या में आए समर्थक पंचकुला की सीबीआई अदालत के बाहर जुटे हैं।

न्यायाधीश एस.एस.सारौन, सूर्याकांत और अवनीश झिंगन की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि हरियाणा सरकार को बताया कि मंत्रियों सहित नेताओं को पंचकुला नहीं जाना चाहिए।

न्यायाधीशों ने कहा, यदि नेता हस्तक्षेप करते हैं तो उन पर मामला दर्ज करने की जरूरत है।

उच्च न्यायालय ने पुलिस को आगजनी के किसी भी मामले की वीडियोग्राफी करने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए।

न्यायधीशों ने स्थिति को उजागर करने के लिए मीडिया का आभार जताते हुए कहा कि उनके पास सूचना थी कि डेरा प्रमुख के कुछ अनुयायी फैसला उनके विपरीत आने पर आत्मदाह कर सकते हैं।

पीठ ने कहा, आत्महत्या बिना उकसावे के नहीं होती और उकसाना अपने आप में अपराध है।

उच्च न्यायालय ने गुरुवार को केंद्र सरकार से फैसले से पहले अतिरिक्ति सुरक्षाबल मुहैया कराने को कहा।

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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था

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मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।

कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।

बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।

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