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गिरगिट की तरह रंग बदलता पाक, भारतीय जवानों को भड़काने का किया विडियो जारी
कुछ लोगों से सुधरने की उम्मीद लगाना भी पाप करने जैसा है उसमें नापाक हरकतों वाला पाकिस्तान सबसे पहले है। पाकिस्तान उस गिरगिट के समान है जो हर वक़्त अपना रंग बदलती रहती है। पाकिस्तान पर भरोसा करना खुद के साथ विश्वासघात करने जैसा है। इनदिनों पाक जो हरकतें कर रहा है इससे उसने साबित कर दिया कि वो ‘लातों के भूत है, जो बातों से कभी नहीं मानेगें’।
दरअसल, भारतीय सेना का मनोबल गिराने के लिए पाक खुफिया एजेंसी कुछ घटिया दुष्प्रचार कर रही है।
बीएसएफ के महानिदेशक केके शर्मा ने ये बातें कहीं। शर्मा ने कहा, ‘मैंने 2012 में अतिरिक्त डीजी के रूप में बीएसएफ ज्वाइन किया। किसी भी जवान या अफसर ने खराब खाने की मुझसे कोई शिकायत नहीं की। तबादले या पदस्थापना का मुद्दा हो सकता है, इसलिए मुझे एक जवान (तेज बहादुर यादव) ने जब घटिया खाने का वीडियो अपलोड किया तो मैं बहुत आहत हो गया।’
शर्मा ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल में बहुत अच्छा सिस्टम है। फोर्स के किचन में बनने वाले खाने की सतत चेकिंग होती है। खाने की कोई समस्या नहीं है। खाना चेक करने की खुली चुनौती 2.65 लाख जवानों वाले मजबूत सुरक्षा संगठन के प्रमुख शर्मा ने खुली चुनौती देते हुए कहा- ‘कोई भी व्यक्ति किसी भी दिन, किसी भी वक्त बीएसएफ की सीमा चौकी पर जाकर खाना चेक कर सकता है। मैं गारंटी लेता हूं कि वहां अच्छे भोजन की पुष्टि होगी। खाना घर जैसा बनता है। खाने की कोई कमी नहीं है। इस साल के आरंभ में जब यह मुद्दा उठा थी तब सांसदों द्वारा की गई पूछताछ में भी मैंने यही सुझाव दिया था।’
जवान सेवा से बर्खास्त इसी साल जनवरी में बीएसएफ जवान तेज प्रताप यादव ने हाथ में सर्विस राइफल लेकर फेसबुक पर विवादित वीडियो जारी किया था। इसमें उसने सीमाई इलाकों में तैनात जवानों को पानी वाली दाल और जली हुई रोटियां देने की शिकायत की थी। डीजी शर्मा ने बताया कि जांच में आरोप गलत पाया जाने के बाद तेज बहादुर यादव को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। उसका आईएसआई ने इस्तेमाल किया। आईएसआई ने इन सभी बातों का फायदा उठाते ही विडियो को कई जगह से उठाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया।
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बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में FIR दर्ज, फेक न्यूज फैलाने का है आरोप
बेंगलुरु। बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में एफआईआर दर्ज हुई है। तेजस्वी पर एक किसान की आत्महत्या के मामले को वक्फ बोर्ड के साथ भूमि विवाद से जोड़कर फर्जी खबर फैलाने का आरोप है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसान की आत्महत्या का कारण कर्ज और फसल खराबी था, न कि जमीन का विवाद। इस मामले ने कर्नाटक में राजनीति को गरमा दिया है।
हावेरी जिले के पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में बताया कि किसान की मौत जनवरी 2022 में हुई थी। उन्होंने कहा कि किसान ने आत्महत्या की वजह कर्ज और फसल नुकसान बताया गया था। पुलिस ने मामले की जांच पूरी करके रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर दी थी। सूर्या की पोस्ट के बाद इस घटना को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई, और सोशल मीडिया पर चर्चाएं शुरू हो गईं।
कन्नड़ न्यूज पोर्टल के संपादकों पर भी FIR दर्ज
इस मामले में केवल तेजस्वी सूर्या ही नहीं, बल्कि दो कन्नड़ न्यूज़ पोर्टल के संपादकों के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है। इन पोर्टल्स ने एक हेडलाइन में दावा किया कि किसान की आत्महत्या वक्फ बोर्ड के भूमि विवाद से जुड़ी थी। पुलिस का कहना है कि इस प्रकार की गलत जानकारी किसानों में तनाव फैला सकती है और इसीलिए मामला दर्ज किया गया है।
वहीँ एफआईआर दर्ज होने के बाद तेजस्वी सूर्या ने इसपर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि हाल ही में वक्फ भूमि के नोटिसों ने किसानों के बीच चिंता बढ़ाई है, जिसके चलते उन्होंने प्रारंभिक रिपोर्ट पर विश्वास किया।
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