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पत्रकार ने लिखा मोदी को करारा पत्र पूछा, आखिर कब मिलेगा मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न

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‘दद्दा’ की प्रतिमा पर केवल फूल चढ़ाने से काम नहीं चलेगा। पिछली सरकार के घोर पाप का प्रायश्चित कब करेंगे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी? बताने की जरूरत नहीं कि अपनी और सरकार की खाल बचाने के लिए मनमोहन सिंह एंड कंपनी ने देश की सर्वकालिक महानतम खेल हस्ती और ‘हॉकी के जादूगर’ कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद, जिन्हें लोग प्यार से ‘दद्दा’ कहा करते हैं, का नाम काट कर सचिन तेंदुलकर को ‘भारत रत्न’ अलंकरण से नवाजने की घोषणा कर दी थी।

यदि मैं गलत नहीं हूं तो वह पांच बरस पहले 27 या 28 दिसम्बर, 2012 का दिन रहा होगा। यह कैसी विडम्बना है कि जिस शख्स के जन्मदिन 29 अगस्त को देश ‘खेल दिवस’ के रूप में मनाता है उसे ही खेल के पहले ‘भारत रत्न’ अलंकरण के लायक नहीं समझा गया!

मोदी जी, यह तत्कालीन कांग्रेस सरकार के एक महीन कारीगर ने किया और हो गयी सचिन तेंदुलकर को यह गौरव प्रदान करने की घोषणा। देश के खेल प्रेमी स्तब्ध थे इस घोषणा से। सभी को प्रत्याशा दद्दा को मरणोपरांत यह अलंकरण मिलने की थी और ले उड़े इसे क्रिकेटर सचिन, जिन्होंने दो राय नहीं कि देश के क्रिकेट प्रेमियों को अपने बल्ले से आनंद के अनगिनत क्षण जरूर दिए हैं, मगर वह दद्दा के स्थान पर चुने जाने के सुपात्र कतई नहीं थे।

सच तो यह कि अपनी स्टिक के बल पर देश को चार बार ओलंपिक के विजयी पोडियम (1928, 32, 36 और 48 ) पर खड़ा करने वाले दद्दा अतुलनीय हैं। यह उनके चाहने वाले ही नहीं, बल्कि उनके विरोधी भी मानते हैं। सवाल यह कि आखिर ऐसा अन्याय किया ही क्यों गया? प्रधानमंत्री जी, आप पता लगाइए, इसकी यह हकीकत जान कर आप सकते में पड़ जाएंगे कि राजनीतिक कारणों से सचिन का चयन किया गया था।

दरअसल, उस समय जघन्य निर्भया सामूहिक दुष्कर्म कांड से देश हिल गया था। उसका गुस्सा आसमान पर था। तत्कालीन यूपीए सरकार के मंत्रियों के घरों पर आप और प्रतिपक्ष के हल्ला बोल ने सरकार की हालत खराब कर रखी थी। सुबह संसद में इसको लेकर पीएम के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में गुस्सा कैसे कम किया जाय इस पर मंथन के दौरान एक मंत्री महोदय ने जिनकी छवि एक पावर ब्रोकर की रही है, उपाय निकाल लिया और देश का मूड बदल गया।

यह उपाय था कि निर्भया को एडवांस उपचार के लिए एयर ऐम्बुलेंस से सिंगापुर ले जाया जाएगा जबकि स्थानीय अस्पताल में डाक्टर 11 दिनों से दिन रात इलाज में एक किए थक थे, उनकी मेहनत पर पानी फेरा गया।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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