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बिजनेस

डीएचएफएल ने हर्षिल मेहता को ज्वाइंट एमडी नियुक्त किया

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नई दिल्ली, 31 अगस्त (आईएएनएस)| भारत की एक अग्रणी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी डीएचएफएल ने गुरुवार को हर्षिल मेहता को कंपनी के ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर एवं सीईओ के तौर पर नियुक्त करने की घोषणा की है।

उनकी नियुक्ति 1 सितंबर से प्रभावी है।

डीएचएफएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक कपिल वाधवान ने कहा, मुझे भरोसा है कि बोर्ड में हर्षिल की उपस्थिति नए अवसरों का लाभ उठाने, भावी चुनौतियों का पूर्वानुमान लगाने और बेहद प्रतिस्पर्धी कारोबारी परिवेश में आगे बढ़ने की डीएचएफएल की क्षमता में उल्लेखनीय योगदान करेगी।

हर्षिल मेहता ने कहा, डीएचएफएल के बोर्ड में बेहद सम्मानित सदस्यों के साथ उपस्थित होना एक बड़ी जिम्मेदारी है। एक ग्रुप के तौर पर, हमारी विकास रणनीति एकदम स्पष्ट है। डीएचएफएल की उद्योग स्थिति एवं परिचालन प्रदर्शन का एक प्रमुख पहलू एक व्यापक वित्तीय सेवा प्रदाता के तौर पर इसका उद्भव है। अपनी सेवाओं को बढ़ाने के लिए हम निरंतर प्रयासरत हैं।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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