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कैशलेस बनेगा इंडिया, कई सरकारी सेवाओं में अनिवार्य होगा डिजिटल पेमेंट

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार अपने डिपार्टमेंट और एजेंसियों को कैशलेस बनाने का प्लान कर रही हैं। जल्द ही सिर्फ डिजिटल तरीकों से आप रेलवे और सरकारी परिवहन निगम की बसों का टिकट बुक कर पाएंगे। खबरों के मुताबिक इस सेवा को उपलब्ध कराने के लिए सरकार कई तरीके निकाल रही है।

वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार सभी सरकारी विभागों और एजेंसियों के लिए डिजिटल पेमेंट लेने को अनिवार्य करने के तरीके खंगाल रही है। सरकार चाहती है कि सभी कंज्यूमर इंटरफेस प्वाइंट्स पर डिजिटल पेमेंट्स ही हों। भीम और भारत क्यूआर कोड जैसे पेमेंट के सरकारी उपायों के साथ इन सरकारी एजेंसियों के ऑनलाइन पेमेंट गेटवे के ज्यादा इंटीग्रेशन की योजना भी बनाई जा रही है।

अधिकारी ने बताया कि सरकार गांधी जयंती पर एक बड़ा अभियान शुरू कर सकती है, जिसे गणतंत्र दिवस तक चलाया जाएगा। दो अक्टूबर को सरकार इनमें से कुछ कदमों का ऐलान कर सकती है। अधिकारी ने बताया, ‘देश में कुल ट्रांजैक्शंस का बहुत बड़ा हिस्सा सरकारी भुगतानों का होता है। अगर ये भुगतान डिजिटल तरीके से किए जाएं तो इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट्स की संख्या में बड़ा उछाल आएगा।’

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी पुष्टि की कि मंत्रालय जल्द ही देश के सभी 14 लाख रिजर्वेशन काउंटर पर भारत क्यूआर कोड को लगाने जा रहा है। हमने टारगेट किया है कि आधे से ज्यादा टिकट काउंटर पर होने वाले ट्रांजेक्शन डिजिटल हो सके।

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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था

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मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।

कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।

बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।

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