Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

गौरी लंकेश की हत्या को लेकर आक्रोशित पत्रकारों ने छेड़ी मुहिम

Published

on

Loading

चेन्नई। कर्नाटक के बेंगलुरू में एक दिन पहले हुई वरिष्ठ कन्नड़ पत्रकार गौरी लंकेश की जघन्य हत्या के खिलाफ बुधवार को प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों ने लामबंद होकर प्रदर्शन किया। गौरी मशहूर कन्नड़ अखबार ‘गौरी लंकेश पत्रिके’ की संपादक थीं।

बड़ी संख्या में पहुंचे पत्रकारों ने नारे लगाते हुए उनके हत्यारों को पकडऩे की मांग की। हत्या के बारे में उन्होंने कहा, “यह अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटना है।”

गौरी अपने स्वतंत्र विचारों के लिए जानी जाती थीं। उनके पिता भी एक कन्नड़ लेखक थे और अपने पिता की तरह उन्हें भी पत्रकारिता की अपनी बेबाक स्वतंत्र शैली के कारण विरोध और आलोचना का सामना करना पड़ा। उनके परिवार में उनकी माता, बहन कविता और भाई इंद्रजीत हैं जोकि उनका साप्ताहिक अखबार संभालते हैं।

मद्रास यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के महासचिव आर. मोहन ने बयान में कहा कि वह इस हत्या की कड़ी निंदा करते हैं और हत्यारों को गिरफ्तार कर उन्हें दंडित करने की मांग करते हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को पहले से रोका जा सके।

महाराष्ट्र मीडिया ने भी जताया विरोध
मुंबई में भी महाराष्ट्र की मीडिया ने गौरी लंकेश की हत्या की कड़ी निंदा करते हुए कर्नाटक सरकार से मामले की सीबीआई जांच की मांग की। मुंबई प्रेस क्लब (एमपीसी), मुंबई मराठी पत्रकार संघ (एमएमपीएस), मंत्रालय अनी विद्यामंडल वार्ताहार संघ (एमवीवीएस), टीवी पत्रकार एसोसिएशन (टीवीजेए) एवं अन्य संस्थाओं ने अलग-अलग बयानों में मंगलवार शाम को पत्रकार गौरी की उनके घर पर अज्ञात हमलावरों द्वारा की गई हत्या के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया।

एमपीसी ने कर्नाटक सरकार से 55 वर्षीय लंकेश की हत्या के मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। एमपीसी ने राज्य सरकार से यह भी मांग की कि उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अपराधियों को अधिकतम सजा दी जाए, चाहे वे किसी के मातहत हों या मास्टरमाइंड।

एमपीसी ने कहा, “देश की शक्तियां, देश के चौथे स्तंभ के साथ ऐसा बर्ताव करती हैं और अगर सरकार इसके खिलाफ कुछ नहीं करती, तो यकीनन यह भारतीय लोकतंत्र का बुरा समय है।” एमवीवीएस ने कहा, “यह सिर्फ एक पत्रकार की हत्या नहीं है, यह विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की हत्या है। विचारपरक मुद्दों पर वैचारिक रूप से लड़ाई होनी चाहिए और सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए।”

सभी मीडिया संगठन, वाम दलों एवं नागरिक समाज समूहों ने बांद्रा, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, नवी मुंबई, ठाणे, कल्याण, वसई, पलघर, पुणे और राज्य के अन्य हिस्सों में विरोध करने की योजना बनाई है। एमपीसी ने अपने आजाद मैदान स्थित मुख्यालय में कैंडल मार्च का आयोजन किया जिसमें फोटोग्राफर्स एसोसिएशन, नेटवर्क ऑफ मीडिया इन मीडिया एवं अन्य संगठनों ने भाग लिया।

नेशनल

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था

Published

on

Loading

मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।

कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।

बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।

Continue Reading

Trending