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BRthDY SPCiaL: ‘असल जिंदगी का असल हीरो, महज 20 साल की उम्र में दुश्मन के छक्के थे छुड़ाए

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‘एक माँ ने उसे भी गोद में सुलाया होगा,

एक पिता ने उसे भी अपना गर्व बताया होगा

एक बहन ने उसे भी राखी बाँधी होगी

एक परिवार ने उसे भी आँखों का तारा बनाया होगा’ – (चारू खरे)

इतनी मुश्किलों से पालपोस कर जो माँ अपने बच्चे को देश के लिए कुर्बान होने को न्योछावर करती है। बेशक ही उस माँ का दिल बहुत बड़ा होता होगा। अगर आप सोच रहे है कि हम यहाँ देशभक्ति की बातें क्यूँ कर रहे है तो बता दें कि आज एक ऐसी ही जिगरी माँ ने अपने एक ऐसे लाल को जन्म दिया था। जिसने आगे चलकर न सिर्फ अपनी माँ का बल्कि पूरे देश का नाम गर्वित कर दिया।

हिमाचल प्रदेश का जिला पालमपुर न सिर्फ अपने सेब के लिए दुनिया भर में मशहूर है बल्कि यहां के युवाओं ने भी यहां का नाम रोशन किया है। पालमपुर देश पर कुर्बान होने वाले कई शहीदों की मातृभूमि है जिनमें से एक थे शहीद विक्रम बत्रा उर्फ शेरशाह।

पालमपुर ने इस देश को विक्रम बत्रा जैसा एक महान योद्धा दिया। आज इसी शेरशाह का जन्‍मदिन है। भले ही शहीद कैप्‍टन बत्रा आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी वीरता ने उन्‍हें अभी तक लोगों के दिलों में जिंदा रखा है।

जब-जब कैप्टेन विक्रम बत्रा का नाम जुबां पर आता है, तब-तब यह जुमले उनकी यादें ताजा कर जाते है-

या तो मैं लहराते तिरंगे के पीछे आऊंगा, या तिरंगे में लिपटा हुआ आऊंगा. पर मैं आऊंगा जरूर.

ये दिल मांगे मोर.

हमारी चिंता मत करो, अपने लिए प्रार्थना करो.

 विक्रम बत्रा के बारे में बताते हुए नवीन इमोशनल हो जाते हैं। एक वाकया और सुनाते हैं कि पाकिस्तानी घुसपैठिये लड़ाई के दौरान चिल्लाए, हमें माधुरी दीक्षित दे दो. हम नरमदिल हो जाएंगे. इस बात पर कैप्टन विक्रम बत्रा मुस्कुराए और अपनी AK-47 से फायर करते हुए बोले, लो माधुरी दीक्षित के प्यार के साथ और कई सैनिकों को मार गिराया।

विक्रम बत्रा की 13 JAK रायफल्स में 6 दिसम्बर 1997 को लेफ्टिनेंट के पोस्ट पर जॉइनिंग हुई थी।

चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ वेद प्रकाश मलिक ने कहा था कि, कैप्टन विक्रम बत्रा अगर कारगिल वॉर से सही-सलामत लौट आए होते, तो 15 साल के अंदर मेरी कुर्सी पर बैठे होते।

विक्रम बत्रा को पंजाब यूनिवर्सिटी की डिंपल चीमा से प्यार था पंजाब यूनिवर्सिटी में दोनों की मुलाकात हुई थी। डिंपल कहती हैं कि उन्होंने विक्रम के साथ कुछ खूबसूरत महीने चंडीगढ़ में गुजारे थे।

डिंपल उस वक्त को याद करते हुए कहती हैं, ‘1996 में विक्रम का सलेक्शन आर्मी में हो गया, तो उसने कॉलेज छोड़ दिया था  एक भी दिन 17 साल में नहीं गुजरा, जब मैंने उसे याद नहीं किया हो. मुझसे दूर आर्मी में चले जाने के बाद भी हमारा प्यार बढ़ता गया। कारगिल से लौटने पर दोनों का शादी करने का प्लान था. पर वो लौटा नहीं और जिंदगी भर के लिए मुझे यादें दे गया।’

 

 

 

 

 

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IND VS AUS: पर्थ में भारतीय गेंदबाजों का कहर, बैकफुट पर ऑस्ट्रेलिया, 67 रनों पर गंवाए 7 विकेट

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नई दिल्ली। पर्थ टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर धकेल दिया है। भारत के पहली पारी में 150 रनों के जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम सात विकेट खोकर 67 रन ही बना पाई है। ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत खराब रही थी। तीसरे ही ओवर में बुमराह ने नाथन मैकस्वीनी को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। वह 10 रन बना सके। इसके बाद बुमराह ने उस्मान ख्वाजा को कोहली के हाथों कैच कराया, फिर अगली ही गेंद पर स्टीव स्मिथ को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। ख्वाजा आठ रन और स्मिथ खाता नहीं खोल सके। ट्रेविस हेड को डेब्यू कर रहे तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने क्लीन बोल्ड किया। वह 11 रन बना सके। वहीं, मिचेल मार्श छह रन बनाकर मोहम्मद सिराज का शिकार बने। सिराज ने इसके बाद लाबुशेन को एल्बीडब्ल्यू किया। वह 52 गेंद में दो रन बना सके। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस को भारतीय कप्तान बुमराह ने पंत के हाथों कैच कराया। वह तीन रन बना सके। फिलहाल एलेक्स कैरी 19 रन और मिचेल स्टार्क छह रन बनाकर नाबाद हैं। बुमराह के अलावा मोहम्मद सिराज ने दो विकेट लिए, जबकि हर्षित राणा को एक विकेट मिला।

भारतीय पारी

पर्थ के मैदान पर टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम की एक बार फिर पोल खुल गई। 49.4 ओवर खेलकर ही भारत की पूरी टीम सिर्फ 150 रन बनाकर ढेर हो गई। टीम के छह बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सके। टीम इंडिया की शुरुआत ही बेहद खराब हुई। यशस्वी जायसवाल बिना खाता खोले ही मिचेल स्टार्क की गेंद पर पवेलियन लौट गए। देवदत्त पडिक्कल ने 23 गेंदों का सामना किया, लेकिन वो अपने नाम के आगे एक रन तक नहीं लिखवा सके। नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली से फैन्स को काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, विराट का किस्मत ने एक बार फिर साथ नहीं दिया और वह जोश हेजलवुड के हाथ से निकली बेहतरीन गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे। भोजनकाल से पहले 23वें ओवर में मिचेल स्टार्क ने के एल राहुल (26) को आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया।

लंच के बाद चार विकेट पर 51 रन के आगे खेलने उतरी भारतीय टीम दूसरे सेशन में 24.4 ओवर में मात्र 99 रन ही जोड़ पाई और बचे हुए बाकी विकेट गवां दिये। 59 के स्कोर पर भारतीय टीम को पांचवां झटका लगा। मिचेल मार्श ने ध्रुव जुरेल को मार्नस लाबुशेन के हाथों कैच आउट कराया। जुरेल 11 रन बनाकर आउट हुए।

इसके बाद वॉश‍िंगटन सुंदर मात्र चार रन बनाकर म‍िचेल मार्श की गेंद पर व‍िकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच थमा बैठे। भारत ने छह विकेट गिरने के बाद ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने ऋषभ पंत के साथ छठे विकेट के लिए 48 रन जोड़े। भारत को सातवां झटका ऋषभ पंत के रूप में लगा। वह 37 रन बनाकर पैट कम‍िंंस की गेंद पर दूसरी स्ल‍िप में खड़े स्टीव स्म‍िथ को कैच थमा बैठे।
इसके बाद हर्ष‍ित राणा मात्र 7 रन बनाकर जोश हेजलवुड की गेंद पर मार्नस लॉबुशेन को कैच थमा बैठे। भारत का नौवां विकेट जसप्रीत बुमराह के रूप में गिरा, जो जोश हेजलवुड की गेंद पर विकेटकीपर कैरी को कैच थमा बैठे। वहीं आखिरी विकेट नीतीश रेड्डी का गिरा। रेड्डी को पैट कमिंस ने उस्मान ख्वाजा के हाथों कैच आउट कराया।

 

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