ऑफ़बीट
बड़ा खुलासा: मिल गई है हनीप्रीत, अब जापान में दौड़ाएगी बुलेट ट्रेन
अभी कुछ दिनों पहले तक एक सवाल ऐसा था जिसने लोगों के दिलोंदिमाग पर पूरी तरह से अपना कब्जा कर लिया था। वो प्रश्न कुछ और नहीं बल्कि फिल्म इतिहास में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म ‘बाहुबली’ का ‘बाहुबली को कट्टपा ने क्यों मारा?’ को लेकर था। इस सवाल ने फ़िल्मी जगत से लेकर आम जनता तक के बीच खलबली मचा दी थी।
लेकिन अब इस सवाल को रिप्लेस किया है रेपिस्ट रहीम की मुंहबोली बेटी ‘हनीप्रीत’ ने। हनीप्रीत इस वक़्त कहाँ है और क्या कर रही है? इस बात का खुलासा हो चुका है।
ऐसा अनुमानित भी किया जा रहा है कि इस सवाल को जल्द ही कौन बनेगा करोड़पति में भी पूछा जा सकता है। सवाल का सही जवाब देने वाले को अमिताभ बच्चन पूरे एक करोड़ देंगे।
वैसे तो हनीप्रीत अभी तक किसी के हाथों नहीं आ सकी है उन्हे पकड़ना तो दूर उन्हे देखने तक की भी कोई खबर दूर तक सुनने में नहीं आ रही है।
ऐसे में एक शख्स जो हरपल हनीप्रीत और राम रहीम पर अपनी पैनी नजर बनाए रखता है वो है ‘पिंटू’ जिसने खुद हनीप्रीत को अपनी आँखों से जापान में देखा है।
जापान की राजधानी टोक्यो को दुनिया का सबसे महंगा शहर माना जाता है। पिंटू के मुताबिक हनीप्रीत को इसी शहर में बुलेट ट्रेन चलाते देखा गया है। बताया जा रहा है कि हनीप्रीत दुनिया की पहली बुलेट ट्रेन ड्राइवर बनना चाहती है।
बता दें कि हनीप्रीत चाहती थी कि सिरसा और अंबाला के बीच अंडरग्राउंड बुलेट ट्रेन चलाई जाए। चूँकि बाबा राम रहीम अंबाला जेल में बंद है और सिरसा में उसका डेरा है। ऐसे में अगर बुलेट ट्रेन अंबाला से सिरसा होकर जाए तो महज कुछ मिनटों में पहुंचा जा सकता है।
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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन
चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.
लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.
महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’
राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”
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