Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

फर्जी बाबाओं की सूची बनाने वाले महंत मोहन दास लापता

Published

on

Loading

भोपाल, 18 सितम्बर (आईएएनएस)| अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता और उदासी अखाड़ा के महंत मोहन दास हरिद्वार से कल्याण (मुम्बई) की यात्रा के दौरान रास्ते में लापता हो गए हैं। उनके मोबाइल की अंतिम लोकेशन रविवार शाम को मेरठ में मिली है, मगर उनका कोई पता नहीं चल पाया है।

राजकीय रेलवे पुलिस अधीक्षक, भोपाल (एसपी, जीआरपी) अनीता मालवीय ने सोमवार को आईएएनएस को बताया कि महंत मोहन दास हरिद्वार-लोकमान्य तिलक टर्मिनल गाड़ी क्रमांक 12172 के ए-वन कोच में यात्रा कर रहे थे। वे निजामुद्दीन स्टेशन पर उतरे थे। उसके बाद उन्हें किसी भी यात्री व अटेंडेंट ने नहीं देखा।’

रेलवे पुलिस के मुताबिक, गाड़ी नौ घंटे की देरी से चल रही थी और शनिवार रात साढ़े सात बजे भोपाल पहुंची। उनका एक सेवादार भोजन देने गाड़ी पर आया तो महंत नहीं मिले। उसने इस बात की सूचना अन्य लोगों को दी।

मालवीय बताती हैं कि जब उन्हें सूचना मिली तब तक गाड़ी भुसावल स्टेशन तक पहुंच चुकी थी। भुसावल जीआरपी ने संबंधित कोच ए-वन की सीट 22 पर जाकर देखा तो वहां कुछ सामान रखा हुआ था।

मालवीय ने बताया कि महंत के मोबाइल फोन की अंतिम लोकेशन रविवार देर शाम को मेरठ में मिली है, मगर उनका कोई पता नहीं चला है।

इंदौर के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) हरिनारायण चारी मिश्रा ने सोमवार को आईएएनएस को बताया कि ऐसी अफवाह थी कि महंत मोहनदास इंदौर में हैं। इस आधार पर पुलिस ने उनके आश्रम सहित अन्य स्थानों पर पता किया, मगर उनका कोई सुराग नहीं लगा। खोज अभी भी जारी है।

महंत मोहनदास जिस डिब्बे में यात्रा कर रहे थे, उसकी सवारियों ने भी भुसावल जीआरपी को बताया कि वे निजामुद्दीन स्टेशन के बाद कोच में नहीं आए। उनका सामान वहीं रखा रहा। महंत के लापता होने की बात तब सामने आई जब गाड़ी रविवार को कल्याण रेलवे स्टेशन पहुंची और उनकी अगवानी के लिए आए लोगों को महंत नहीं मिले, लेकिन उनका सामान जरूर मिला।

Continue Reading

नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

Published

on

Loading

नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

Continue Reading

Trending