नेशनल
कुछ रोहिंग्या के आईएसआई, पाकिस्तानी आतंकी गुटों से संबंध : केंद्र
नई दिल्ली, 18 सितम्बर (आईएएनएस)| केंद्र सरकार ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय से रोहिंग्या मुद्दे पर हस्तक्षेप न करने का आग्रह करते हुए कहा कि उन्हें वापस भेजने का निर्णय सरकार का नीतिगत फैसला है।
केंद्र ने साथ ही कहा कि इन रोहिंग्या में से कुछ का संबंध पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकवादी गुटों से है। केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा कि ‘रोहिंग्या मुद्दा न्यायोचित (जस्टिसिएबल) नहीं है और जब इस संबंध में कानून में उनके निर्वासन के लिए सही प्रक्रिया मौजूद है तो फिर केंद्र सरकार को नीतिगत निर्णय लेकर देश हित में आवश्यक कार्यकारी फैसले लेने दिया जाना चाहिए।’
केंद्र सरकार ने अदालत को बताया कि यह देश हित में लिया गया एक ‘आवश्यक कार्यकारी’ फैसला है।
केंद्र ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष कुछ रोहिंग्या शरणार्थियों के अवांछित और भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का हवाला देकर अपने हलफनामे में कहा कि ये लोग हवाला और मानव तस्करी के माध्यम से भी धनराशि जमा करने में संलिप्त हैं।
केंद्र ने कहा, रोहिंग्या का लगातार भारत में रहना पूरी तरह से अवैध है और इससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है।
केंद्र ने कहा कि ‘कई रोहिंग्या (पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई, आईएस (आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट) और अन्य ऐसे उग्रवादी समूहों की संदिग्ध घातक योजनाओं में भी दिखे हैं जो भारत में संवेदनशील क्षेत्रों में सांप्रदायिक हिंसा भड़काकर अपने निहित स्वार्थो की पूर्ति करना चाहते हैं।’
केंद्र ने यह भी कहा कि कुछ रोहिंग्या का संबंध पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से है।
केंद्र ने साथ ही कहा कि म्यांमार से रोहिंग्या शरणार्थियों का आना 2012 में शुरू हुआ था और ये लोग म्यांमार से भारत अवैध रूप से पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम के रास्ते यहां बिचौलियों के माध्यम से आए हैं।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई तीन अक्टूबर को करने का निर्देश दिया।
अदालत ने सुनवाई स्थगित करते हुए याचिकाकर्ताओं और अन्य को मामले की अगली सुनवाई से पूर्व केंद्र के रुख पर अपना प्रत्युत्तर दाखिल करने को कहा।
केंद्र ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों के भारत में रहने पर देश के संसाधन और देश की जनता के अधिकार प्रभावित होंगे।
हलफनामे में कहा गया कि वे अन्य देश से आए शरणार्थी हैं, इसलिए भारतीय संविधान के तहत उनके कोई अधिकार नहीं हैं।
केंद्र ने कहा कि पड़ोसी देशों से अवैध शरणार्थियों के भारी प्रवाह के कारण कुछ सीमावर्ती राज्यों की जनसांख्यिकी में गंभीर बदलाव आया है।
इसी बीच, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत में रोहिंग्या शरणार्थियों के भाग्य पर फैसला सर्वोच्च न्यायालय लेगा।
उन्होंने कहा कि शीर्ष न्यायालय मामले पर सुनवाई कर रहा है और जो भी फैसला लिया जाएगा, वह सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ही लिया जाएगा।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों को उनके देश वापस भेजने का फैसला राष्ट्रहित में है।
रिजीजू ने सर्वोच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई से पूर्व संवाददाताओं से कहा, यह एक गंभीर मामला है। सरकार जो भी करेगी, वह राष्ट्र हित में होगा।
शीर्ष न्यायालय रोहिंग्या शरणार्थियों को म्यांमार वापस भेजने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।
नेशनल
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।
स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,
एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ
कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी
डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।
On the move again, embarking on an exciting 4 nation book tour! 🇮🇳Looking forward to connecting with the vibrant Indian diaspora, celebrating India’s immense potential, and engaging in meaningful conversations. This journey is not just about a book; it’s about storytelling,… pic.twitter.com/dovNotUtOf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 20, 2024
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